फिल्म RRR ने ऑस्कर 2023 अपने नाम कर इतिहास रचा है। फिल्म को इसके गाने ‘नाटू-नाटू’ को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग के लिए अवॉर्ड मिला है। लेकिन जैसे ही ये अवॉर्ड ‘आरआरआर’ को मिला, तरह-तरह की खबरें सामने आने लगीं। ये भी कहा गया कि ऑस्कर के लिए एसएस राजामौली ने कैंपेन किया, जिसमें 80 करोड़ रुपये खर्त हुए। लेकिन इस खबर पर अब राजामौली के बेटे एसएस कार्तिकेय ने प्रतिक्रिया दी है।
राजामौली के बेटे ने ऑस्कर कैंपेन पर करोड़ों खर्च करने की बात को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने इसे महज एक अफवाह बताया है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्तिकेय ने कहा,”मुझे नहीं पता कि ऐसी अफवाह क्यों फैल रही है कि आरआरआर टीम ने ऑस्कर कैंपेन के लिए बहुत पैसा खर्च किया है। हम निश्चित तौर पर ऑस्कर के लिए प्रचार करना चाहते थे, क्योंकि दर्शकों को फिल्म पसंद आई थी। हमने पब्लिसिटी बजट के अनुसार खर्च किया। हमने सब कुछ प्लानिंग के अनुसार किया।”
अगर इतने पैसे खर्च करते तो ऑस्कर खरीद सकते
कार्तिकेय ने ऑस्कर कैंपेन पर इतने पैसे खर्च करने की बात को मजाक बताया है। उन्होंने कहा कि अगल कैंपेन के लिए 80 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं तो ऑस्कर खरीद भी सकते हैं। उन्होंने इसे मजाक बताते हुए कहा कि 95 सालों के लंबे इतिहास के साथ ये एक संस्था है, जहां सब एक प्रक्रिया के साथ होगा है।
उन्होंने ये भी कहा कि क्या फैंस का प्यार खरीदा जा सकता है? “हम फिल्म के बारे में स्टीवन स्पीलबर्ग और जेम्स कैमरून के शब्दों को नहीं खरीद सकते, क्या हम कर सकते हैं? फैंस ने हमें बहुत पब्लिसिटी दी है।”
ऑस्कर के लिए खर्च हुए इतने करोड़
‘RRR’ कैंपेन के लिए 80 करोड़ खर्च करने की सच्चाई कार्तिकेय ने बताई है। उनका कहना है कि ऑस्कर के लिए कैंपेन जरूर किया गया है, लेकिन उसके लिए इतनी मोटी रकम नहीं खर्च हुई है। 5 करोड़ रुपये लगाकर कैंपेन किया गया है।
उन्होंने कहा,”वेस्ट में, हॉलीवुड फिल्ममेकर ऑस्कर कैंपेन के लिए कई स्टूडियो का रुख करते हैं। हमारे पास वह मौका नहीं था। कैंपेन के लिए नियोजित बजट 5 करोड़ रुपये है। यह हमें बहुत ज्यादा लग रहा था। हमने जितना हो सके, लागत कम करने की कोशिश की। हम इसे तीन फेज में खर्च करना चाहते थे। पहले फेज में हमने 3 करोड़ रुपये खर्च किए। नॉमिनेशन के बाद, हमने बजट बढ़ाया। हमने सोचा कि पूरे कैंपेन के लिए ये 5-6 करोड़ रुपये होगा, लेकिन फाइनली ये 8.5 करोड़ रुपये था। न्यूयॉर्क और लॉस एंजेलिस में ज्यादा स्क्रीनिंग की जानी थी।”