जब राजेश खन्ना ने एक फिल्म के ले लिये थे 9 लाख रुपये लेकिन स्क्रिप्ट पढ़ उड़ गए थे होश
निर्माता एम.एम. चिनप्पा तमिल में बन चुके हाथी मेरे साथी का हिंदी रीमेक बनाना चाहते थे। उनकी दिली ख्वाहिश थी कि राजेश खन्ना इस फिल्म में काम करें। वो मुंबई आए हुए थे..

साल 1971 में आई फिल्म ‘हाथी मेरे साथी’ राजेश खन्ना की सबसे सफल फिल्मों में से एक रही। इस फिल्म ने काका को घर-घर तक पहुंचा दिया था। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि राजेश खन्ना ने ये फिल्म बेमन से साइन की थी और बाद में जब इसकी स्क्रिप्ट पढ़ी तो अपना माथा पीट लिया था। दरअसल, निर्माता एम.एम. चिनप्पा तमिल में बन चुके हाथी मेरे साथी का हिंदी रीमेक बनाना चाहते थे। उनकी दिली ख्वाहिश थी कि राजेश खन्ना इस फिल्म में काम करें। वो मुंबई आए हुए थे और राजेश खन्ना से मिलने का प्रयास कर रहे थे। एक दिन इस प्रयास में सफल भी हो गए।
चिनप्पा ने राजेश खन्ना के साथ स्टोरी आईडिया साझा किया। उन दिनों काका मुंबई में समुंदर किनारे एक सी फेसिंग घर खरीदने की चाहत रखते थे और इसके लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत थी। चिनप्पा ने उन्हें साइनिंग अमाउंट के तौर पर 5 लाख रुपये ऑफर किया। काका ने तुरंत हामी भर दी। कहा गया कि तब काका ने इस फिल्म के लिए कुल 9 लाख रुपये लिये थे। जो उस वक्त उनकी फीस से तो ज्यादा था ही। दूसरे कलाकार इतनी भारी-भरकम रकम के बारे में सोच भी नहीं सकते थे।
स्क्रिप्ट पढ़ी तो माथा पीट लिया: लेकिन असली मुश्किल इसके बाद शुरू हुई। साइनिंग अमाउंट लेने के बाद जब राजेश खन्ना ने फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ी तो माथा पीट लिया। उन्हें लगा कि ये फिल्म तो बुरी तरह पिट जाएगी और उनकी इमेज खराब होगी। चूंकि वो पैसे ले चुके थे ऐसे में पीछे हटना ठीक नहीं था। उनकी मजबूरी भी थी। तब लेखक सलीम खान और जावेद अख्तर काका के करीबी हुआ करते थे। काका ने उनसे अपनी परेशानी बताई।
राजेश खन्ना की जीवनी ‘राजेश खन्ना: कुछ तो लोग कहेंगे’ में लेखक यासिर उस्मान ने इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि सलीम और जावेद ने 4 हाथियों को छोड़ फिल्म की पूरी स्क्रिप्ट बदल दी। पूरी फिल्म काका की इमेज के इर्दगिर्द गढ़ी गई।
इमेज को लेकर रहते थे चौकन्ने: राजेश खन्ना अपनी इमेज को लेकर बेहद सतर्क रहते थे। उन्हें पसंद नहीं था कि कोई उनकी बुराई करे या उनके सामने दूसरे कलाकारों की तारीफ करे। ऐसा ही एक मौका तब आया जब उनके करीबी सलीम खान ने एक फिल्म मैगजीन को दिए इंटरव्यू में संजीव कुमार की तारीफ कर दी थी।
बीबीसी हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक, काका इस घटना से इतने खफा हो गए थे कि उन्होंने सलीम खान को बुलाकर इसपर सवाल-जवाब कर लिया था। बाद में 6 महीने तक उनसे बात भी नहीं की थी।