पेगासस ने भारत में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। पेगासस के जरिये कथित जासूसी का मामला सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर भी तरह तरह के रिएक्शन और कमेंट्स की बाढ़ आ गई है। तमाम लोग सरकार पर हमलावर हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्यप्रताप सिंह और वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी मोदी सरकार को घेरा है।

सूर्य प्रताप सिंह ने अपने ट्वीट के जरिए बिना नाम लिए मोदी सरकार पर निशाना साधा और ‘पेगासस’ पर कहा- ‘महिला पत्रकारों की भी निजी चैट सुनते थे, महाशय! छी… ये सब फटी जींस वाली मानसिकता के हैं।’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, ‘धीरे-धीरे बोल ठग सुन न ले, सुन न ले ठग सुन न ले।’ उन्होंने पूछा- ‘क्या ‘Peeping Tom’ शब्द का अर्थ ये जासूस जानता है?’

उधर, वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी तंज कसते हुए लिखा- ‘दो जासूस करें महसूस कि दुनिया बहुत ख़राब है।’ एक वीडियो लिंक शेयर करते अपनी एक और पोस्ट में बाजपेयी ने लिखा- ‘रंजन गगोई, राहुल गांधी, प्रशांत किशोर, अशोक लवासा.. चीफ़ जस्टिस से लेकर चुनाव आयुक्त तक निगरानी में।’

इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने तंज कसते हुए टिप्पणी की, ‘शुक्र मनाइए मोदी जी ने सिर्फ 18 घण्टे काम किया, 6 घण्टे और जाग लिए होते तो न जाने क्या-क्या गुल खिलाये होते!’

पेगासस मामले पर तमाम यूजर्स भी अपनी प्रतिक्रिया देते दिखाई दिये। चौधरी देव सिंह नाम के यूजर ने लिखा- ‘केंद्र सरकार से जवाब देते न बन रहा हो, तो यूपी पुलिस को बता दे, अभी 5 मिनट में वॉशिंगटन पोस्ट, गार्जियन आदि पर हज़रतगंज थाने में गंभीर धाराओं में मुक़दमा लिख कर एक प्रेस रिलीज जारी कर दी जाएगी… ‘फोन टैपिंग से सम्बंधित मामला प्रथम दृष्टया फर्जी है, शायद विदेशी साजिश का हिस्सा है।’

ऋषि नाम के एक यूजर ने लिखा- ‘चीन को लाल आंख दिखाने का दावा करने वाले अपने ही देश के पत्रकारों और नेताओं से डरकर उनकी जासूसी करवा रहाे हैं।’