अमिश देवगन बोले- सावरकर माने त्याग-तपस्या, न वैसा कोई हुआ है और न होगा; देखें- लोग करने लगे कैसे कमेंट
अमिश देवगन ने डिबेट के दौरान कहा- 'वीर सावरकर के बारे में तो जो अटल जी की कविता है वही याद आती है कि सावरकर माने त्याग, सावरकर माने तपस्या...

कृषि कानून पर जारी सियासत के बीच पश्चिम बंगाल का राजनीतिक पारा भी गरमाया है। एक तरह सत्तारूढ़ टीएमसी के तमाम नेता ममता बनर्जी का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। तो दूसरी तरफ ‘दीदी’ भी हमलावर हैं। पश्चिम बंगाल की राजनीतिक हलचल पर टीवी डिबेट में भी तीखी नोंकझोंक देखने को मिल रही है। ऐसा ही एक वाकया न्यूज-18 की एक डिबेट में देखने को मिला। अपने कार्यक्रम में एंकर अमिश देवगन वीर सावरकर का नाम लेकर अटल बिहारी बाजपेयी जी की एक पंक्ति का जिक्र करने लगे।
अमिश ने डिबेट के दौरान कहा, ‘सावरकर माने त्याग-तपस्या, न वैसा कोई हुआ है और न ही होगा।’ अमिश देवगन ने इसे सोशल मीडिया पर भी शेयर किया। जिसे देख कर ट्विटर पर भी लोगों ने रिएक्शन देना शुरू कर दिया। दरअसल, अमिश देवगन ने डिबेट के दौरान कहा- ‘वीर सावरकर के बारे में तो जो अटल जी की कविता है वही याद आती है कि सावरकर माने त्याग, सावरकर माने तपस्या, कोल्हू के बैल की तरह वीर सावरकर को कारावास में… जिसे काला पानी की सजा भी कहते हैं, वहां पर घुमाया गया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘उन वीर सावरकर के लिए कहा जाता है कि उन्होंने माफी मांगी और वो देश के खिलाफ काम कर रहे थे। सावरकर जैसा न कोई हुआ है न कोई हो सकता है। न भूत में न भविष्य में।’
#ये_देश_है_हमारा
सावरकर ना कोई हुआ है ना कोई हो सकता है -अमिश देवगन@AMISHDEVGAN #TMC #BJP WestBengalElection2021 pic.twitter.com/YBQJhgeS3l— News18 India (@News18India) January 31, 2021
अमिश देवगन के इस पोस्ट पर सतपाल नाम के शख्स ने कमेंट किया, ‘मैंने सावरकर जी का इतिहास देखा। जब उन्हें अंडमान जेल में भेजा गया था, उन्होंने कम से कम 10 बार अपना माफीनामा अंग्रेजों को दिया था। अगर वह भी सच्चे देशभक्त होते तो फिर उन्होंने अपना माफीनामा क्यों अंग्रेजों को दिया? सीआर मलराना नाम के शख्स ने लिखा- सावरकर होना भी कौन चाहता हैं। हम तो भगतसिंह, आजाद, गांधी, नेहरु, अम्बेडकर के पद चिह्नों पर चलना चाहते हैं।
सागर नाम के शख्स ने लिखा- ‘अरे मीडिया, तुम लोग कब बेरोजगारी, पेट्रोल डीजल और किसानों के प्रोटेस्ट को लेकर डिबेट करना शुरू करोगे? एक अन्य शख्स ने लिखा- ‘सारा दिन मोदी के भजन गाते हो। सारा दिन मोदी की माला जपते हो। कभी तो अपने एंकर होने का फर्ज निभा लो।’ संदीप सिंह नाम के यूजर ने लिखा- सही में कोई नहीं हो सकता क्योंकि माफी मांगकर बच जाना भी एक कला है।’ सैयद नाम के शख्स ने लिखा- नो माय डियर फ्रेंड आपके जैसा भी कोई नहीं है और न होगा।