उन्होंने आगे कहा- ‘उन्हें हर दूसरा राजनैतिक दल यही करता नजर आएगा। क्योंकि उनकी भावना यही है। इसलिए गरीब शब्द को वह जाति के साथ जोड़ना चाहते हैं, बाबू शब्द को भी वह जाति के साथ जोड़ना चाहते हैं। यानी ये मानते हैं कि गरीब होना एक जाति विशेष का अधिकार है। और बाबू बनना भी एक जाति विशेष का अधिकार है। मैं कड़ी निंदा करती हूं सुधांशु जी के इस वक्तव्य की।’
रागिनी यही नहीं रुकीं उन्होंने आगे कहा- ‘दूसरी बात, सुधांशु जी आपको पता होना चाहिए कि उज्वला योजना के बाद भी बिहार में 50 % घर आज भी हैं जिनके पास आज भी स्वच्छ इंधन नहीं है घर में। हर तीसरा घर गरीबी रेखा के नीचे है, 6 करोड़ लोग बेरोजगार हैं। 4 करोड़ बच्चे हैं जिनमें 64 % बच्चे कुपोषण हैं। 35 % अपराध महिलाओं के खिलाफ बढ़ा है। पूरे सीमांचल में एक विश्वविद्यालय नहीं है। समस्तीपुर में जूट मील बंद हो गई चीनी मील बंद हो गई।’
#आर_पार
रागिनी नायक ने कहा "देश का सबसे बड़ा 'टुकड़े-टुकड़े' गैंग है BJP और संघ"-देश की सबसे बड़ी बहस आर पार@AMISHDEVGAN #Biharelection pic.twitter.com/Nv67cDovKy— News18 India (@News18India) October 26, 2020
रागिनी की बातें सुन कई लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें सही बताया और रिएक्ट करने लगे। एक यूजर ने लिखा- ‘रागिनी नायक जी ने सही कहा है। यह संघ और उसकी कोख से जन्मी पार्टी ही देश का सबसे बड़ा “टुकड़े–टुकड़े” गैंग है। आजादी के समय सत्ता के लिए ही इन्होंने जिन्ना और अंग्रेजों के साथ मिलकर देश के टुकड़े किए। इन्होंने आजादी में कोई योगदान नहीं दिया उल्टे अंग्रेजों की मदद की।‘ रागिनी की बातों का बीजेपी प्रवक्ता ने भी जवाब दिया, यहां देखें:-
#आर_पार
BJP के सुधांशु त्रिवेदी ने गिनाए अपनी सरकार के किए काम -देश की सबसे बड़ी बहस आर पार@AMISHDEVGAN #BJP #Congress #BiharElection pic.twitter.com/FhKOOx8o24— News18 India (@News18India) October 26, 2020
जगदीश कुमार नाम के यूजर ने कहा- ‘रागनी यह भाषण किसे सुना रही हो? सोनिया, राहुल को? क्योंकि आजादी के बाद देश में किन लोगों ने केंद्र में राज्य में सरकार चलाई थी? तुलना करें देश, लालू कांग्रेस ने मिलकर कितना विकास किया था? (उन्होंने जंगल राज किया) नीतीश जी, BJP ने मात्र विकास ही किया, अपराध,खत्म।’ एक ने कहा- ‘कोई भरोसा नहीं है। कांग्रेस राज गुंडों की पार्टी है। नक्सलियों का भी इन्हें सपोर्ट हासिल है। जितना भी दो नम्बर का धंधा करने वाले, शराब, बालू-लालू माफिया लोग हैं, चाहते हैं कि नीतीश कुमार हट जाएं। बिहार अपराध जगत का बादशाह रहा है। नीतीश के आने से सबका शट्टर बन्द हुआ।’
तो किसी ने कहा- ‘कहां सुधांशु त्रिवेदी जैसे विद्वान व्यक्ति और @NayakRagini जैसी अल्पबुद्धि की एक नवसिखुआ प्रवक्ता। कोई समानता है दोनों में? जोड़ी जमती नहीं है। मज़ा नहीं आता। रागिनी को पूछा जाता है आम तो बात करने लगती है इमली की। पप्पुओं का प्रवक्ता भी पप्पू ही है। कांग्रेस में कोई ढंग का आदमी कहां है?’