लव जिहाद का तमाशा हिंदू- मुसलमानों के बीच बंटवारे के लिए हो रहा- फूटा नसीरुद्दीन शाह का गुस्सा
नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि लव जिहाद का 'जुमला' राजनीतिक है। उन्होंने अपनी अंतरधार्मिक शादी का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब शादी हो रही थी तब उनकी मां ने पूछा था कि...

लव जिहाद को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई है। बीजेपी शासित राज्य सरकारें ‘लव जिहाद’ पर कानून बनाने को लेकर तत्पर दिख रही हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में इस पर कानून भी आ चुका है। कई अन्य बीजेपी राज्य सरकारें भी इस पर जल्द कानून लाने की तैयारी में हैं। वहीं मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने यह कहा है कि अगर पश्चिम बंगाल में बीजेपी की सरकार आती है तो सरकार वहां भी लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य कानून लाएगी।
इस बीच बहुत से लोग बीजेपी राज्य सरकारों की आलोचना कर रहे हैं कि लव जिहाद का मुद्दा खड़ा करके पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए दो धर्मों के बीच विद्वेष फैला रही है। बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने भी लव जिहाद की आलोचना की है। उन्होंने अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह से अपनी शादी का उदाहरण भी दिया है।
नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘ये लव जिहाद का जो तमाशा किया गया है वो सिर्फ हिंदुओं और मुसलमानों के सामाजिक मेलमिलाप को बंद करने के लिए, उसको स्टिगमटाइज करने के लिए है। मुझे बहुत गुस्सा है इस बात पर जो इस तरह का बंटवारा करने की कोशिश हो रही है। ये जो लव जिहाद का तमाशा चल रहा है उत्तर प्रदेश में, एक तो इन लोगों को जिहाद लफ्ज़ का मतलब ही भी मालूम, जिन लोगों ने ये जुमला ईजाद किया है।’
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि अब आप चाहें देश के हित में ही क्यों न बात करें, आप पर कोई न कोई इल्जाम लगाया जाता है। नसीरुद्दीन शाह ने अपनी अंतरधार्मिक शादी को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘मेरी बीबी हिंदू हैं और मैं मुसलमान हूं, न मैं मजहबी हूं न वो। हमारे बच्चों को हर मजहब के बारे में बताया गया है, उन्हें ये नहीं बताया गया है कि तुम इस मजहब के हो।’
नसीरुद्दीन शाह ने अपनी शादी का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘जब हमारी शादी होने वाली थी तो मेरी मां ने मुझसे पूछा कि क्या तुम रत्ना से धर्म बदलने की बात करोगे तो मैंने कहा कि आप मजहब बदलने की बात कर रही हैं, मैं उसका मजहब नहीं बदलूंगा। उन्होंने कहा कि हां मजहब कैसे बदला जा सकता है। मेरी मां अशिक्षित थीं, उन्होंने मुझे परम्परा के साथ बड़ा किया। दिन में 5 बार नमाज़ पढ़ती थीं, ज़िंदगी भर उन्होंने पूरे रोजे रखें, हज भी किया लेकिन उन्होंने भी ये कहा कि जो बातें तुम्हें बचपन में बताई गई उस बदल कैसे सकते हो।’
नसीरुद्दीन शाह का कहना है कि लव जिहाद की आड़ में बेगुनाह लोगों को पकड़ा जा रहा है, उन्हें परेशान किया जा रहा है।