EXCLUSIVE: ‘मनमर्जियां’ करने वाले विक्की कौशल को है ‘चांदनी चौक का लड़का’ बनने की ख्वाहिश
Vicky kaushal, Manmarziyaan Movie: जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में विक्की कौशल बता रहे हैं कि फिल्म 'मनमर्जियां' में को-एक्टर तापसी पन्नू और अभिषेक बच्चन के साथ उनकी ट्यूनिंग कैसी रही। विक्की बताते हैं कि अमृतसर में शूटिंग के बीच 'छोले भटूरे' और 'पालक पनीर' का फिल्म 'मनमर्जियां' के एक सीन में क्या अहम रोल रहा। साथ ही विक्की ये भी बता रहे हैं कि आखिर क्यों वह दिल्ली के 'चांदनी चौक का एक लड़का' बनना चाहते हैं...

विक्की कौशल 14 सितंबर को तापसी पन्नू और अभिषेक बच्चन के साथ फिल्म ‘मनमर्जियां’ लेकर सिनेमाघरों में आ रहे हैं। अनुराग कश्यप की इस लव ट्राएंगल स्टोरी में विक्की ‘विक्की संधू’ यानी DJ SAND’S बने नजर आ रहे हैं। विक्की अब तक ‘संजू’ और ‘राजी’ जैसी फिल्मों के जरिए दर्शकों के बीच अपनी एक खास पहचान बना चुके हैं। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ और ‘रमन राघव’ जैसी फिल्मों के बाद अब विक्की अनुराग के साथ एक बार फिर से इस फिल्म में काम कर रहे हैं। ऐसे में जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में विक्की कौशल बता रहे हैं कि फिल्म ‘मनमर्जियां’ में को-एक्टर तापसी पन्नू और अभिषेक बच्चन के साथ उनकी ट्यूनिंग कैसी रही। विक्की ये भी बताते हैं कि अमृतसर में शूटिंग के बीच ‘छोले भटूरे’ और ‘पालक पनीर’ का फिल्म ‘मनमर्जियां’ के एक सीन में क्या अहम रोल रहा। साथ ही विक्की ये भी बता रहे हैं कि आखिर क्यों वह दिल्ली के ‘चांदनी चौक का एक लड़का’ बनना चाहते हैं…
रचना: अभिषेक बच्चन के साथ काम करने का आपका एक्सपीरिंयस कैसा रहा?
विक्की कौशल: अभिषेक का 18 साल का एक्सपीरियंस है। मेरा 3 साल का एक्सपीरियंस है। वो शांत हैं, उन्हें अपना काम पता है। उन्होंने इंडस्ट्री में अच्छा और बुरा देखा हुआ है। अभी भी मैं उन्हें देखता हूं तो मुझे उनमें काम के प्रति वो भूख नजर आती है। तो मैं सोचता हूं कि इनके साथ ऐसा कैसे? इन्हें तो 18 साल हो गए हैं इंडस्ट्री में। उनके अंदर हमेशा एक नयापन ही होता है। वह हर एक्टर में जिंदा रहना जरूरी है। ऐसे में उनकी परफॉर्मेंस में वह चीज दिखाई देती है। वह बहुत प्यारे इंसान भी हैं। जब हम सब काम के लिए इकट्ठे हुआ करते थे, तो ऐसे में उनका पहला सवाल हुआ करता था-‘आपने खाना खाया?’ तो ये उनका केयरिंग नेचर यहां छलकता है।
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रचना: फिल्म में तापसी के साथ आपने कैसे रंग जमाया?
विक्की कौशल: तापसी एक आग है। उनका नहीं पता कि वह किस तरफ भड़केंगी। ऐसा लगता था जैसे आग और बरफ के साथ काम कर रहा हूं। उनकी एनर्जी अलग ही है। उनकी एनर्जी को मैच करना मुश्किल हो जाता है। तापसी के साथ काम करने में बहुत मजा आया क्योंकि वह जो फील करती हैं, वह बोलती हैं। ऐसे में मेरी तापसी के साथ बहुत अच्छी दोस्ती हो गई। क्योंकि हमारे बीच सब क्लियर रहता है। तू-तड़ाक से बात होती है, एक दम मुंहफट। हमारे बीच में ट्रांसपेरेंसी है। अगर हमें एक दूसरे का काम पसंद आता है तो हम एक दूसरे की तारीफें भी करते हैं और अगर कुछ पसंद नहीं आया तो हम एक दूसरे को ऐसे भी कहते हैं-‘तू शक्ल मत दिखा दूर हो जा।’ तो मुझे ये बहुत अच्छा लगता है।
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रचना:फिल्म में तापसी के साथ आपकी अलग और अभिषेक की अलग कैमेस्ट्री है। ‘फ्यार’ वाली कैमिस्ट्री को निभाने में कोई मुश्किल का सामना करना पड़ा?
विक्की कौशल: हमें कभी भी कोई हिचक नहीं थी। कुछ चीजें ऑर्गैनिक होती हैं। अपने आप ही हो जाती हैं। ऐसे में आपको लगता है कि भाई इसके साथ मेरी बनेगी.. और ऐसा ही तापसी के साथ हुआ। हमारी शुरू से ही बनने लगी थी। जब हम सेट से बाहर होते थे तो साथ में खाना वाना खाते थे, गप्पे लगाते थे। कनिका, मैं और तापसी हम खूब हंसते थे और खूब मस्ती होती थी। इस दौरान ये होते-होते काम में भी वह कंफर्ट लेवल आ गया। ऐसा भी होता था कि बीच में हम छोले भटूरे खाने चले गए, फिर आकर इंटिमेट सीन दे दिए। फिर कभी हम गाने वाने सुनने चले जाते थे। एक को-एक्टर के साथ आपकी कैसी फ्रीक्वेंसी जम रही है, यह बहुत मायने रखता है। अगर आपका दोस्त के तौर पर कंफर्टलेवल है तो आप कोई भी सीन कर जाओगे.. आपको मेहनत नहीं लगेगी। जब आपको पता है कि आप दो लोग एक दूसरे से कुछ भी शेयर कर सकते हो कि अच्छा नहीं लग रहा, फील नहीं आ रही या कुछ और करते हैं टाइप…। वो कंफर्ट मेरा तापसी के साथ है।

रचना: ‘मनमर्जियां’ के लिए आप अमृतसर में लंबे वक्त तक रहे। इस दौरान खाने पीने के मामले में जायके में क्या-क्या ट्राय किया?
विक्की कौशल: हमारा जायका पूरा अमृतसरी रहता था। हालांकि उस वक्त मैं डाइट पर था, शेप में रहना बहुत जरूरी था। लेकिन एक-आद बार तो ढाबे से खाना आ ही जाता था। अमृतसर में केसर दा ढाबा है, कुछ 100 साल हो गए हैं उस ढाबे को। वहां की आप पालक पनीर खालो.. उफ मतलब कमाल। उसके पालक पनीर और कुल्चे कमाल होते थे। उस जगह से इतना प्यार हो गया था कि फिल्म का एक सीन ही अभिषेक ने वहां शिफ्ट करवा दिया था। वह सीन घर पर रखा गया था कि घर पर मुलाकात होती है। लेकिन उसे बाद में ढाबे में शिफ्ट कर दिया। इस दौरान फ्रेम को नया टेक्शचर तो मिला ही, हमारा खाने का मकसद भी पूरा हो गया। खाने पीने के मामले में ऐसा होता था कि जिस मौहल्ले में हम शूट करते थे वहां के लोकल मार्किट में छोले भटूरों की जो छोटी-छोटी दुकानें होती थीं, जब भी भूख लगी.. मुंह में पानी आ रहा है। लेकिन दिल्ली के छोले भटूरे और चाट से ऊपर कुछ नहीं है। चांदनी चौक मैं आज तक नहीं गया हूं। मैं दिल्ली अच्छे से देख नहीं पाया हूं। जुबान की शूटिंग के वक्त गुडगांव देखा। दिल्ली थोड़ी बहुत देखी है लेकिन मैं दिल्ली में जीना चाहता हूं। ऐसी कोई फिल्म मिलेगी तो मजा आ जाएगा ‘चांदनी चौक का एक लड़का’ टाइप।

रचना: अनुराग कश्यप के साथ आप काफी काम कर चुके हैं, डार्क साइड बेस्ट फिल्मों के लिए जाने जाने वाले अनुराग की रोमांटिक फिल्म में काम करने में क्या नयापन महसूस हुआ? अनुराग की बाकी फिल्मों में काम करने के मुकाबले इस फिल्म में उनके साथ आपके कैसे रिश्ते थे?
विक्की कौशल: मैंने अनुराग सर के साथ ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘बॉम्बे वेलवेट’ और ‘रमन राघव’ में काम किया। एक डायरेक्टर के तौर पर उनका एसेंस सेम है। कई लोग अपने अंदर से ‘प्रोफेशनल’ कौन है खुद से अलग कर सकते हैं कि विक्की एक एक्टर है वह काम के वक्त में ऐसा रहता है और जब वह घर पर होता है वह ऐसे रहता है। अनुराग सर का क्या है कि उनमें से आप एक फिल्ममेकर को अलग नहीं कर सकते हो। जब वह फिल्म शूट कर रहे थे वह इतनी खुशी से शूट कर रहे थे कि मैं बता नहीं सकता। मैं उनसे कहता था कि लाइफ में सब सही चल रहा है ना? पगलाए तो नहीं पड़े हो ना? हंसे जा रहे हो? किसी एक्टर ने अच्छा टेक दिया तो खुशी से नाच रहे हो। गोद में बैठ जाते हो और पप्पियां दे देते हो।…और तो और हमनें उन्हें इमोश्नल होते हुए और मॉनिटर के पीछे रोते हुए देखा है।
