बॉलीवुड के मशहूर एक्टर आमिर खान की फिल्म ‘रंग दे बसंती’ ने अपनी कहानी के साथ-साथ अपने गाने से लोगों का खूब दिल जीता था। फिल्म को रिलीज हुए 16 साल हो गए हैं, लेकिन इसके गाने ‘मस्ती की पाठशाला’, ‘रंग दे बसंती’ और ‘लुका छुप्पी’ आज भी लोगों के दिलों-दिमाग में बसे हुए हैं। फिल्म के सॉन्ग ‘लुका छुप्पी’ ने तो लोगों के दिलों में इस कदर जगह बनाई हुई है कि इसे सुनकर किसी का भी दिल भावुक हो जाए। इस गाने को एआर रहमान और लता मंगेशकर ने गाया था। खास बात तो यह है कि इसकी रिकॉर्डिंग में लता मंगेशकर ने पूरी जान झोंक दी थी।
लता मंगेशखर ने ‘लुका छुप्पी’ के लिए न केवल लगातार कई दिनों तक रिहर्सल की थी, बल्कि रिकॉर्डिंग के दिन आठ घंटों तक खड़ी भी रही थीं। भारत की स्वर कोकीला से जुड़ी इस बात का खुलासा फिल्म के निर्माता राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने फिल्म के 10 साल पूरे होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया था। ओमप्रकाश मेहरा ने बताया था कि इस गाने के लिए उन्होंने लता मंगेशकर से पहले ही बात की थी, लेकिन चीजों का तालमेल नहीं बैठ रहा था।
ओम प्रकाश मेहरा ने इस बारे में कहा था, “मैंने उनसे दोबारा इस बारे में बात की और वह तैयार हो गईं। उन्होंने कहा, ‘हां बेटा, कैसा है गाना? भिजवा तो दो मुझे।’ मैंने उनसे बताया कि आप रहमान सर को जानती हैं ‘बनते-बनते बनेगा और परसों लिखते-लिखते लिखेगा।’ लेकिन मैंने पहले से ही इसे शूट कर लिया है।”
ओमप्रकाश मेहरा ने बताया कि गाना 15 नवंबर को शूट किया जाना था, जिसके लिए लता मंगेशकर चेन्नई आने वाली थीं। लेकिन उन्होंने 9-10 नवंबर को ही चेन्नई आने की योजना बना ली थी। उन्होंने इस बारे में आगे कहा, “हमें लगा कि वह किसी और चीज के लिए चेन्नई आ रही हैं, लेकिन असल में वह गाने के रिहर्सल के लिए आ रही थीं। वह रोजाना आती थीं और गाने की रिहर्सल करना शुरू कर देती थीं।”
ओमप्रकाश मेहरा ने लता मंगेशखर के बारे में बात करते हुए आगे कहा, “उन्होंने लगातार चार दिनों तक इसकी रिहर्सल की थी। रिकॉर्डिंग के दिन लता मंगेशकर ने रहमान साहब से बात की और माइक के पास ही खड़ी रही थीं। हम सभी उस वक्त कमरे में ही थे। हमने रिकॉर्डिंग रूम में उनके लिए पानी की बोतल, कुछ फूल और कुर्सी भी रखी। लेकिन उन्होंने लगातार 8 घंटे तक खड़े रहकर वह गाना गाया।”