लता मंगेशकर के खाने में मिला दिया गया था ज़हर!, 3 महीने तक बीमार रही थीं स्वर कोकिला
बॉलीवुड में लता मंगेशकर ने जल्द ही अपनी पहचान बनाना शुरू कर दिया। जल्द ही लता मंगेशकर बॉलीवुड की शीर्ष गायिकाओं में शामिल हो गईं। इसके बाद उनके साथ एक ऐसी घटना हुई जिस कारण वो करीब 3 महीनों तक गाना नहीं गा सकीं थीं।

Lata Mangeshkar Birthday Special: ‘मेरी आवाज़ ही पहचान है,’ स्वर कोकिला लता मंगेशकर का यह गीत उनके लिए एकदम सटीक बैठता है। लेकिन एक बार लगा मंगेशकर के साथ ऐसा हादसा हो गया था जिसकी वजह से वह गई महीनों तक गाना नहीं गा पाई थीं। लता मंगेशकर की आवाज़ और उनके नाम को किसी अन्य परिचय की ज़रूरत नहीं। लता मंगेशकर का आज 91वां जन्मदिन हैं।
लता मंगेशकर का जन्म आज ही के दिन 1929 में इंदौर में मशहूर शास्त्रीय गायक और थियेटर अभिनेता दीनानाथ मंगेशकर के यहां हुआ था। लता ने बहुत छोटी उम्र से ही गायन शुरू कर दिया था। बॉलीवुड में प्लेबैक की शुरुआत उन्होंने 1946 में ‘आपकी सेव में’ फिल्म से की जिसमें उन्होंने ‘पावं लागूं कर जोरी’ गीत गाया।
बॉलीवुड में लता मंगेशकर ने जल्द ही अपनी पहचान बनाना शुरू कर दिया। जल्द ही लता मंगेशकर बॉलीवुड की शीर्ष गायिकाओं में शामिल हो गईं। इसके बाद उनके साथ एक ऐसी घटना हुई जिस कारण वो करीब 3 महीनों तक गाना नहीं गा सकीं थीं।
लता मंगेशकर के खाने में मिला दिया गया था ज़हर
साल 1962 में आई फिल्म, ’20 साल बाद’ के लिए लता मंगेशकर को एक गाना रिकॉर्ड करना था, फिल्म के संगीत निर्देशक गाना रिकॉर्ड करने वाले थे, लेकिन इसके ठीक पहले लता मंगेशकर अचानक बीमार हो गईं। कहा जाने लगा कि उनके खाने में धीमा ज़हर यानी स्लो पॉयजन मिला दिया गया था। ऐसी बातें होने लगी कि अब वो कभी भी गाना नहीं गा पाएंगी। लता मंगेशकर के बेहद करीबी रहे लेखक पद्मा सचदेवा ने इस घटना का ज़िक्र अपनी किताब ‘ऐसा कहा से लाऊं’ में किया था।
उन्होंने किताब में लिखा, “ लता ने मुझे इस बारे में बताया था, वो तब 33 साल की थीं। सुबह जब वो उठीं तो उनके पेट में तेज़ दर्द हो रहा था और उन्हें दो तीन बार हरे रंग की उल्टी हुई। उनके पूरे शरीर में तेज़ दर्द था।”
वो आगे लिखते हैं कि डॉक्टरों को बुलाया गया, डॉक्टर ने उनका एक्सरे लिया, दवाइयां दीं। लेकिन लता की हालत में सुधार नहीं हुआ। 3 दिनों तक वो मौत के करीब रहीं। 10 दिनों के बाद उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार होना शुरू हुआ।
किताब में आगे लिखा है, “डॉक्टर ने बताया कि लता मंगेशकर को स्लो पॉयजन दिया गया है। सबसे हैरानी की बात यह थी कि जो बावर्ची उनका खाना बनाया करता था, वो अचानक से बिना अपनी सैलरी लिए गायब हो गया था। वो पहले भी कई बॉलीवुड के लोगों के यहां काम कर चुका था।”
इस घटना के बाद से लता काफी कमज़ोर हो गईं, अक्सर उनके पेट में दर्द रहता था। इसके बाद उनकी छोटी बहन उषा मंगेशकर ही उनके लिए खाना बनाती थीं। बॉलीवुड के मशहूर गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी लता के बहुत अच्छे दोस्त थे। इस घटना के बाद वो हर शाम 6 बजे लता के घर आते, उनका मन बहलाने के लिए उन्हें कविताएं सुनाते और अपने जोक्स पर उन्हें हंसाते। मजरूह उनको लेकर इतने ज्यादा सजग हो गए थे कि लता के खाने से पहले उनका खाना वो खुद चखते थे। लता को पूरी तरह ठीक होने में 3 महीने का वक़्त लगा था।