scorecardresearch

अंधभक़्तों की फौज से सबक लेना होगा- अमेरिका की घटना पर बोले कुमार विश्वास; देखें- आने लगे कैसे कमेंट

कुमार विश्वास ने लिखा है,’ वर्चस्ववादी,आत्ममुग्ध और “बस मैं ही मैं” गाने-कहने-जीने वाले नायकों के अंधे तर्कशून्य अनुयायी,किसी उन्नततम देश तक को किस गर्त में ले जा सकते हैं…

kumar vishwas
कुमार विश्वास (File Photo)

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने यूएस कैपिटोल में चुनावी नतीजों के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। उग्र प्रदर्शनकारियों की भीड़ संसद भवन तक में घुस गई। इसे लेकर भारत के जाने-पहचाने कवि कुमार विश्वास ने निशाना साधा है।

कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए लिखा है,’ वर्चस्ववादी,आत्ममुग्ध और “बस मैं ही मैं” गाने-कहने-जीने वाले नायकों के अंधे तर्कशून्य अनुयायी,किसी उन्नततम देश तक को किस गर्त में ले जा सकते हैं US Capitol इसका ताज़ा सबूत है। विश्वभर के देशों,सभ्य नागरिकों को इस घटना,इसके नमूने-नियामक व उसके अंधभक्तों की फ़ौज से सबक़ लेना होगा।’

कुमार विश्वास के इस ट्वीट पर यूजर्स की तरह-तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। शशांक ओझा नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’हम भारतवासी किस मुंह से अमेरिका में जो हुआ उसकी निंदा करें, पिछले साल शाहीन बाग में क्या-क्या हुआ था हम उसे कैसे भूल सकते हैं ?’ विमल त्यागी नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’अबकी बार ट्रंप सरकार का नारा देने वाले कुछ इसी बिरादरी के इधर भी हैं।’

प्रहलाद कुमार सचदेव नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’कवि महोदय, आप अपनी यह सलाह अपने विपक्षी मित्रों को दें जोकि पिछले सात साल से जनता का निर्णय स्वीकार नहीं कर रहे हैं और मोदीजी के खिलाफ निजी नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। फिर चाहे शाहीनबाग हो या वर्तमान किसान आंदोलन! कविराज, कभी सच भी बोल लिया करें।’

एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा है,’ज्ञान देने से पहले, खुद के अंदर झाँको,लतिया के पार्टी से बाहर होने वाले, तुम कितने तर्कहीन व स्वार्थी थे, उस वक्त जब राजनीति में सत्ता के लड्डू खाने के लिए उतावले थे। आदमी ने खुद कितने भी घटिया कर्म किए हो, वो नहीं देखता। इंतज़ार में रहते हो तुम,बस दूसरे की छोटी सी गलती के लिए।’

अभिषेक नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’ यही मेरा डर है कि भारत में ट्रंप जैसे हारने वाले ईवीएम और भारतीय चुनाव प्रणाली के प्रति संदेह पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उम्मीद है कि भारत कैपिटोल की घटना से कुछ सबक लेगा और इन लोगों के जाल में नहीं फंसेंगे जो भारतीय चुनाव को डिस्क्रेडिट करना चाहते हैं।’

एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा है,’डॉ साहब! गुणी हैं,विद्वान हैं पर तय नहीं कर पा रहें कि जाना किधर है? राजनीति से मोहभंग व मित्रभंग हुआ फिर भी राजनीति से पूर्णतया दिल नहीं भरा। डॉ. साहब वही गलती कर रहे हैं जो इनके पूर्वजों (श्रद्धेय! दिनकर,नागार्जुन,नीरज ) ने किया। चूंकि दलगत राजनीति है तो किसी से जुड़कर जनसेवा संभव है।’

दिनेश चौधरी नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा है,’अंधभक्तों के पप्पा जो अपने मित्रों के फायदे के लिए जमाखोरी में छूट देने वाले कानून बनाता है, बिल में MSP की लिखित में गारंटी नहीं देता। अगर किसान इसका विरोध करें तो उनको आतंकवादी, देशद्रोही बोलता है। असल में जो किसानों के खिलाफ है वो देशद्रोही है। मोदी सिर्फ झूठे भाषण देते हैं।’

पढें मनोरंजन (Entertainment News) खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News)के लिए डाउनलोड करें Hindi News App.

First published on: 07-01-2021 at 15:33 IST
अपडेट