फिल्म फेडरेशन आॅफ इंडिया (एएफआइ) ने बुधवार को कहा कि लीजो जोस पेल्लिसेरी द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्म ‘जलीकट्टू’ को आॅस्कर में अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म श्रेणी के लिए भारत की ओर से आधिकारिक तौर पर भेजने का फैसला किया गया है। हिंदी, उड़िया, मराठी और अन्य भाषाओं की 27 प्रविष्टियों के बीच इस फिल्म को सर्वसम्मति से चुना गया।
‘जलीकट्टू’ फिल्म की कहानी एक गांव की है जहां उपद्रव मचाने वाले एक बैल को रोकने के लिए ढेर सारे लोग जमा होते हैं। फिल्म फेडरेशन आॅफ इंडिया के चयन मंडल के अध्यक्ष फिल्मकार राहुल रवैल ने आॅनलाइन संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘हिंदी, मलयालम और मराठी समेत कुल 27 फिल्में आई थीं। चयन मंडल ने फैसला किया है कि मलयालम फिल्म ‘जलीकट्टू’ आॅस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी।’ रवैल ने कहा कि फिल्म के जरिए जमीनी समस्या को भी बयां किया गया है।
यह फिल्म हरीश की लघु कथा पर आधारित है। इसमें एंटनी वर्गीज, चेम्बन विनोद जोस, सबुमन अब्दुसमद और सेंथी बालाचंद्रण ने भूमिका निभाई है। चयन मंडल ने ‘छपाक’, ‘शकुंतला देवी’, ‘छलांग’, ‘गुलाबो सिताबो’, ‘द स्काय इज ंिपक’, ‘बुलबुल’ और ‘द डिसाइपल’ जैसी फिल्मों के बीच इसका चयन किया। ‘अंगामली डायरीज’ और ‘ऐ मा यू’ जैसी कई र्चिचत फिल्में बनाने वाले जोस पेल्लिसेरी को ‘बहुत समर्थ निर्देशक’ बताते हुए रवैल ने कहा कि ‘जलीकट्टू’ जैसी फिल्म पर देश को नाज होना चाहिए ।
अध्यक्ष ने कहा, ‘फिल्म में बूचड़खाने से भागने वाले एक जानवर और उसे पकड़ने के लिए जमा गांव के लोगों की कहानी है…अच्छे से चित्रण किया गया है और बहुत अच्छे से फिल्माया गया है। फिल्म के दौरान कई तरह की भावनाएं उमड़ती रहती हैं। इसी वजह से हमने इस फिल्म का चयन किया है।’ फिल्म फेडरेशन आॅफ इंडिया के अध्यक्ष फिरदौसुल हसन के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस साल 14 सदस्यीय चयन मंडल ने डिजिटल तरीके से बैठक की।
वैल की अध्यक्षता वाले चयन मंडल में निर्देशक अभिषेक शाह, अतनु घोष, लेखक श्रीनिवास भानागे आदि सदस्य थे। ‘जलीकट्टू’ को सितंबर 2019 में टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किया गया था और इसे काफी सराहना मिली थी। पिछले साल पेल्लिसेरी को भारत के 50 वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार भी मिला था। वर्ष 2019 में जोया अख्तर की फिल्म ‘गली ब्वॉय’ को भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर आॅस्कर के लिए भेजा गया था।