अक्सर युद्ध पर आधारित फिल्में किसी जांबाज या हीरो को लेकर बनी होती हैं। लेकिन युद्ध सिर्फ सैनिक नहीं जिताते हैं। आम लोगों की भी उसमें बड़ी भूमिका होती है। ‘भुज : द प्राइड ऑफ इंडिया’ एक ऐसी ही फिल्म हैं जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध पर आधारित है। उस युद्ध के दौरान गुजरात के भुज इलाके के भारतीय वायुसेना के रनवे को पाकिस्तानी वायुसेना ने ध्वस्त कर दिया था। इससे कच्छ इलाके का संपर्क भारत से टूटने का खतरा पैदा हो गया।
इस रनवे को आम लोगों और खासकर महिलाओं के सहयोग से किस तरह रातों-रात तैयार किया गया, इसी की थोड़ी कल्पित और थोड़ी सी वास्तविक गाथा है- ‘भुज : द प्राइड ऑफ इंडिया’। अजय देवगन ने विजय कार्णिक नाम के उस वायुसेना अफसर की भूमिका निभाई है जो भुज में उस वक्त तैनात था। विजय के ये जानते हुए भी कि युद्ध के दौरान रनवे बनाने के लिए महिलाओं और आम लोगों की सहायता लेना सैन्य कानून के विरूद्ध है और उसका कोर्ट मार्शल भी हो सकता है, यह खतरा उठाता है। संजय दत्त ने रनछोड़ दास पगी का किरदार निभाया है। पगी भी इस युद्ध के दौरान एक वास्तविक व्यक्ति था और वह रेगिस्तान में ऊंट के पैरों के निशान देख कर बता देता था कि वे किस ओर गए हैं और किस देश की सेना कहां से गुजरी है।
संजय चूंकि बड़े स्टार हैं इसलिए उनको इस फिल्म में सिर्फ ऊंट के पैरों के निशान दिखाने की भूमिका तो दी नहीं जा सकती थी, इसलिए वास्तविक पगी के किरदार से अलग जाकर इस फिल्मी पगी को एक्शन के कुछ भी सीन दिए गए हैं जिसमें वह कई पाकिस्तानियों को मार गिराता है।
सोनाक्षी सिन्हा ने सुंदरबेन नाम की महिला का किरदार निभाया है। सुंदर इतनी बहादुर है सिर्फ एक कटारी से एक तेंदुए को मार गिराती है। उसके नेतृत्व में ही भुज की महिलाएं और पुरुष रनवे निर्माण में शामिल होते हैं।
फिल्म इंदिरा गांधी के दौर में पाकिस्तान के दो टुकड़े होने और बांग्लादेश बनने की पृष्ठभूमि को भी संक्षेप में दिखाती है। वैसे तो यह देशभक्ति की भावना पेश करती है, लेकिन मराठी, मलयाली, गुजराती और सिख-पंजाबी अस्मिता भी इसमें हैं।
देवगन का चरित्र का मराठी का है जो बार-बार शिवाजी का नाम लेता है और शरद केलकर आरके नायर नाम के मलयाली पृष्टभूमि वाले सैन्य अधिकारी बने हैं। संजय दत्त और सोनाक्षी तो गुजराती वाली भूमिका में हैं ही। बड़े ही सूक्ष्म तरीके से धार्मिक भावनाओं का भी सहारा लिया गया है और राम-कृष्ण, गणेश के साथ करणी माता का भी गुणगान किया गया है और गुरुगोविंद सिंह को भी याद किया गया है। कुछ गाने भी हैं जो माहौल को उत्साहपूर्ण बनाते रहते हैं। पंद्रह अगस्त के मौके पर इस बार दूसरी देशप्रेम वाली फिल्म है। फिल्म के निर्देशक अभिषेक दुधैया हैं। इसमें अजय देवगन, संजय दत्त, सोनाक्षी सिन्हा, शरद केलकर, नोरा फतेही, एमी विर्क आदि कलाकार हैं।