कुकिंग रियलिटी शो मास्टरशेफ इंडिया इन दिनों सातवे सीजन को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। इस शो में भाग लेने के लिए दूर दूर से कंटेस्टेंट्स शामिल हुए है। शो के इस सीजन में रणवीर बराड़, विकास खन्ना और गरिमा अरोड़ा जैसे बेहतरीन शेफ कंटेस्टेंट को जज करते नजर आ रहे हैं।
तीनों को ही बतौर जजेस पसंद किया जाता है। लेकिन दर्शकों की खास पसंद है शो की जज गरिमा अरोड़ा, जो कि स्टर शेफ की पहली महिला जज बनी हैं।
गरिमा ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बहुत अधिक संघर्ष किया है। गरिमा शेफ बनने से पहले पत्रकार हुआ करती थीं। गरिमा ने अपने हालिया इंटरव्यू में बताया है कि कैसे 17-18 घंटे काम करके उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है।
पत्रकार थीं गरिमा अरोड़ा
दरअसल हाल ही में दिए इंटरव्यू में गरिमा ने बताया कि ‘मैं सिर्फ 20 साल की थी जब मैंने जर्नलिस्ज किया, पढ़ाई पूरी होने के बाद मैंने जॉब करना शुरु किया। क्योंकि उस समय मुझे पत्रकार बनना था। लेकिन कुछ समय बाद ही मैंने जॉब छोड़ दी। हालांकि मुझे पढ़ाई के दौरान की खाना बनाने का और खाने का बहुत शौक था और मैंने उसी समय तय कर लिया था कि मुझे शेफ ही बनना है। छह महीने की जॉब के बाद मैंने अपनी रिसर्च शुरु कर दी थी। बहुत लोगों को लगता है कि शेफ बनना आसान है। ऑर्डर दो, फोटो क्लिक कराओ और हो जाता है लेकिन पीछे की बैक स्टोरी कोई नहीं जानता। कितने घंटे हमने दिए होते हैं।’
आसान नहीं थी शेफ बनना
गरिमा ने आगे बताया कि शेफ का काम फिजिकली बहुत डिमांडिंग होता है। 17-18 घंटे आपको कई बार खड़े रहकर वहां काम करना होता है। अब अगर आपकी फैमिली है, तो आप इस प्रोफेशन में आने के बारे में नहीं सोच सकते। यही एक कारण है कि महिलाओं ने इस फील्ड में बहुत ज्यादा इंटरेस्ट नहीं दिखाया। लेकिन आज समाज में बहुत कुछ बदल गया है। लोगों की सोच बदल रही हैं, शायद इसलिए ही अब औरतें इस फील्ड में आ रही हैं। मुझे जो सपोर्ट मेरे हस्बैंड और पैरेंट्स से मिला, इस प्रोफेशन के लिए वह बहुत जरूरी है।