कश्मीर में राहुल भट्ट की हत्या के बाद एक बार फिर कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने शुरू हो गये हैं। अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया। इसके बाद से ही सरकार लोगों के निशाने पर आ गई है। अब फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने कश्मीरी पंडितों पर बनी फिल्म की कमाई को लेकर तंज कसा है।
विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर लिखा कि “समझना चाहता हूं कि कश्मीरी पंडितों का दर्द बेचकर 300 करोड़ रूपये कमाने वालों को राहुल भट्ट के परिजनों को अपनी कमाई का मात्र एक फीसदी 3 करोड़ ₹ देने में दिक्कत क्या है?” अपने ट्वीट में विनोद कापड़ी ने किसी फिल्म और व्यक्ति का नाम नहीं लिया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि उनका इशारा फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर था।
लोगों की प्रतिक्रियाएं : एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि ‘समझना चाहता हूं कि जिस विशेष धर्म के आंतकवादी ने एक मासूम कश्मीरी पंडित, राहुल भट्ट की जान ली। उनके सरोकार जो शाहीन बाग प्रोटेस्ट को फंड करते रहे, करोड़ों रुपए जकात के नाम खर्च करते हैं, वो लोग राहुल भट्ट को 3 करोड़ क्यों नहीं दे सकते?’ मोहम्मद सलीम नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ऐसा मत बोलो वरना आपको देशद्रोही घोषित कर देंगे दोनों मिलकर।’
रेखा नाम की यूजर ने लिखा कि ‘आतंकवादियों पर तो बहुत बोला जाता है और सरकार मुनासिब कदम भी उठाती है लेकिन जो उनके शिकार होते हैं, उनके लिए बोलना और उनके जरिये कमाई करने वालो की मदद न करने पर दुनियां को असलियत बताना ज्यादा जरूरी है।’ डीपी शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सब मिलेगा, बस आप कश्मीरी पंडितों पर इसी तरह सहानभूति बनाये रखें।’
एमएस रौतेला नाम के यूजर ने लिखा कि ‘फर्जी राष्ट्रवादियों को खुद को प्रूव करना चाहिए, राहुल भट्ट के परिवार को, कमाई का 5% देकर मदद करनी चाहिए।’ अतुल नाम के यूजर ने लिखा कि जिसने मारा, उस आतंकवादी पर भी कुछ बोलो।’ सिद्धार्थ पाण्डेय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अपने शब्दों के लिए क्षमा चाहूंगा विनोद जी, परन्तु आप ने विवश कर दिया, आप स्वर्गीय राहुल के परिवार को कितना दे रहे हो? क्योंकि अच्छाई का प्रारंभ तो स्वयं से करना चाहिए, पहले आप सहयोग करें, उसके पश्चात दूसरों से मांगे, हर जगह मुंह उठा कर राजनीति करना उचित नहीं।’
राम नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कश्मीरी पंडितों को मारने वालों को इनाम तुम लोग दो और पीड़ितों को मदद “विवेक अग्निहोत्री” करें।’ शिवम पाण्डेय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘विवेक अग्निहोत्री आपके जैसे महान नहीं बन सकते, जो कोरोना के समय पलायन करने वाले मजदूरों की घटना पर आधारित “1232 km , The Long Journey Home” पुस्तक लिखकर व फिल्म बनाकर तथा जलते शवों के वीडियो की सारी कमाई उन पलायन करने वाले पीड़ित मजदूरों-मृतक परिवारों में बांट दें । धन्य हैं आप!’