हम पर देशद्रोह और धारा 307 तो ऐसे लगा रहे जैसे प्रसाद बांट रहे हैं, इनके नाक फोड़ने की जरूरत- महापंचायत में बोले राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने हरियाणा में महापंचायत के दौरान कहा कि हमारी लड़ाई लुटेरों से है। उनका कहना था कि सरकार किसानों पर देशद्रोह और धारा 307 ऐसे लगा रही जैसे प्रसाद बांट रही हो।

कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत जगह – जगह आयोजित किए जा रहे महापंचायतों का हिस्सा बन रहे हैं। हरियाणा, सोनीपत के खरखोडा की अनाज मंडी में भी को एक महापंचायत बुलाई गई जिसमें राकेश टिकैत ने सरकार और कॉरपोरेट्स पर जमकर हमला बोला और दोहराया कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होते, वो घर नहीं लौटेंगे। राकेश टिकैत ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के एक बयान पर भी पलटवार किया। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि महज भीड़ जमा हो जाने से कानून रद्द नहीं होंगे, बल्कि किसान ये बताएं कि कौन सा प्रावधान उन्हें किसान विरोधी लगता है।
इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि राजनेता भूल रहे हैं कि भीड़ तो सत्ता परिवर्तन का सामर्थ्य रखती है। महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत काफ़ी आक्रामक भी दिखे। कॉर्पोरेट और सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके नाक (घमंड) को तोड़ने की जरुरत है।
वो बोले, ‘अगर अब ब्रेक नहीं लगा, तो ये बेलगाम हो जाएंगे, इनकी नाक तोड़नी जरूरी है, नाक फोड़ने की जरुरत है। इनको आम जनता, किसानों ने बहुत ताकत दे दी, इनका नाक फोड़ने की जरूरत है, फिर ये पूर्ण रूप से काम करेंगे, कानून भी वापस लेंगे। मुकाबला है, लुटेरों से मुकाबला है, ये जाएगा यहां से, छोड़कर भागना पड़ेगा।’
Rakesh Tikait’s aggression in Kharkhoda #FarmersProtest
‘We farmers made sarkar arrogant, time to break its nose(arrogance)’
‘Hal-Kranti soon. Be ready’
‘If we don’t oppose now, sarkar will bring more laws’
‘Will make Robbers(corporates) run away’
Much more pic.twitter.com/799RgesZ3w
— Saahil Murli Menghani (@saahilmenghani) February 22, 2021
राकेश टिकैत ने महापंचायत में कहा कि वो देश भर में हल क्रांति लाएंगे। हल क्रांति के दौरान खेतों में इस्तेमाल किए जाने वाले औजार को किसान अपने आंदोलन में शामिल करेंगे। वो आगे बोले, ‘हम पर देशद्रोह और धारा 307 (हत्या का प्रयास) तो ऐसे लगा रहे हो जैसे प्रसाद बांट रहे हो। इन्होंने जो कील ठोके हैं, इनके कील उखाड़कर जाएंगे।’
आपको बता दें कि सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है जिसमें किसी तरह का हल नहीं निकला है। किसान आंदोलन की अगुवाई 40 किसान संगठन से बना संयुक्त किसान मोर्चा कर रहा है जिसमें भाकियू के राकेश टिकैत सबसे अहम भूमिका में हैं। राकेश टिकैत किसान अधिकार के लिए MSP पर कानून की मांग भी करते आएब हैं।
महापंचायत के दौरान भी उन्होंने इस बात को उठाया और कहा, ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर जब कानून बनेगा तब किसानों का संरक्षण होगा। यह आंदोलन उसके लिए है। यह किसानों के अधिकार के लिए है।’ राकेश टिकैत यह भी कहते रहे हैं कि किसान आंदोलन भी करेंगे, खेती भी करेंगे और कृषि के लिए बन रही नीतियों पर नजर भी रखेंगे।