अब्दुल हमीद के जीवन पर फिल्म बनाना चाहते हैं निरहुआ, कहा- जल्द किसी वेबसीरीज या फिल्म में इस किरदार में आऊंगा नजर
बता दें कि अब्दुल हमीद 20 साल की उम्र में आर्मी जॉइन की थी। ट्रेनिंग के बाद 1955 में 4 ग्रेनेडियर्स में तैनाती मिली। साल 1965 में पाकिस्तान से युद्ध में उनके आठ टैंक को ध्वस्त कर दिए थे।

साल 1965 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध में पड़ोसी मुल्क के 8 टैंकों को ध्वस्त करने वाले वीर अब्दुल हमीद पर निरहुआ भोजपुरी फिल्म बनाना चाहते हैं। निरहुआ ने इस बात का खुलासा काजल राघवानी के लाइव शो ‘खट्टी मीठी’ बातें में की। निरहुआ ने इस दौरान ये भी कहा कि जल्द ही वे किसी वेबसीरीज या फिल्म में इस किरदार में नजर आएंगे।
काजल राघवानी ने दिनेश लाल यादव से सवालों की कड़ी में एक सवाल किया-‘अगर आपसे पूछा जाए कि किसकी बॉयोपिक में काम करना चाहते हैं तो किसका नाम लेंगे?’ काजल राघवानी के इस सवाल पर थोड़ी देर विचार करने के बाद जवाब देते हुए दिनेश लाल यादव ने कहा कि मैं अब्दुल हमीद जी के जीवनी पर फिल्म करना चाहता हूं। ये मेरा सपना है।
निरहुआ ने काजल राघवानी से आगे बताया कि वह इस कॉन्सेप्ट पर काम भी कर रहे हैं। साथ ही इस बात का भी जिक्र किया कि हो सकता है कि जल्द ही इसको लेकर कोई फिल्म या वेबसीरीज आएगी जिसमे वे अब्दुल हमीद का किरदार निभाएंगे।
कौन हैं वीर अब्दुल हमीद?
वीर अब्दुल हमीद उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के धरमपुर गांव के रहने वाले थे जिनका जन्म 1 जुलाई, 1933 को हुआ था। उनके पिता मोहम्मद उस्मान सिलाई का काम करते थे। वीर अब्दुल हमीद के कई किस्से गांव में फैले हैं जिसमें से एक ये भी है उनको लाठी चलाना, कुश्ती करना, नदी पार करना, गुलेल से निशाना लगाना जैसे कामों में माहिर थे। उन्होंने बाढ़ के पानी में डूबती दो लड़कियों की जान बचाई थी।
बता दें अब्दुल हमीद 20 साल की उम्र में आर्मी जॉइन की। ट्रेनिंग के बाद 1955 में 4 ग्रेनेडियर्स में पोस्टिंग मिली। और साल 1965 में पाकिस्तान से युद्ध में उनके आठ टैंक को ध्वस्त कर दिए थे। इसके बाद वे जंग के मैदान में ही 10 सितंबर, 1965 को वीरगति को प्राप्त हो गए। अब्दुल हमीद को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया