ताजमहल के बंद 22 कमरों को खुलवाने की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ये तय करना हमारा काम नहीं है कि ताजमहल किसने बनवाया, ऐसे तो कल जजों से चेंबर में जाने की मांग होने लगेगी। कोर्ट ने कहा कि याचिका के जरिए जो मांग की जा रही है वो न्यायिक समीक्षा के दायरे में नहीं है। अब बॉलीवुड एक्टर कमाल आर. खान ने इस पर तंज कसा है।
कमाल आर खान ने ट्विटर पर लिखा कि’ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ताजमहल में कमरे खोलने की मांग कर रहे लोगों को चुप रहने की सलाह दी है। न्यायाधीश साहब ने उनसे इस तरह की जनहित याचिका दायर करने से पहले शिक्षित होने के लिए कहा। कोर्ट ने कहा- हर गंवार, लुक्खा को कोर्ट से सवाल करने की इजाजत नहीं है।’ इस पर लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं: तुषार आनंद नाम के यूजर ने लिखा कि ‘तुम लोग परेशान हो कि अगर कहीं खुल गया तो सच्चाई सामने आ जाएगी।’ एक अन्य यूजर ने लिखा कि ‘उन कमरों के अंदर ऐसा क्या है, जिसे हमेशा गुप्त रखा जाना चाहिए और जनता से छिपाया जाना चाहिए।’ Theoldman नाम की यूजर आईडी से KRK को जवाब देते हुए लिखा गया कि ‘मतलब, बिना पढ़ा लिखा या कम पढ़ा लिखा, इंसान अदालतों से इंसाफ की उम्मीद ना करें। कोर्ट सिर्फ, पढ़े लिखे लोगो के लिए है।’
कुंदन सिंह नाम के यूजर ने KRK को जवाब देते हुए लिखा कि ‘कोर्ट के फैसले पर कुछ गंवार यह भी कहते हैं कि ‘गर्दन कटवा लेंगे पर वीडियोग्राफी नहीं होने देंगे’ तो इस पर क्या कहेंगे?’ ललित नाम के यूजर ने लिखा कि ‘ज्ञानवापी और ताज महल के बंद 22 कमरों का सच सामने आना चाहिए, मगर PM Cares का नहीं। गजब है।’
बता दें कि बीजेपी, अयोध्या के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने एक याचिका दाखिल कर दावा किया था कि ताजमहल के बारे में झूठा इतिहास पढ़ाया जा रहा है. इसीलिए वह सच्चाई का पता लगाने के लिए ताजमहल के बंद 22 कमरों में जाकर शोध करना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि पहले किसी संस्थान से इस बारे में एमए पीएचडी कीजिए। तब हमारे पास आइए। अगर कोई संस्थान इसके लिए आपको दाखिला न दे तो हमारे पास आइए।