अजय देवगन की फिल्म ‘दे दे प्यार दे’ को लेकर कुछ समय पहले काफी विवाद हुआ था। इस फिल्म में एक स्टंट को लेकर केस दर्ज हुआ था। अब इस मामले पर अजमेर कंज्यूमर कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई कर अपना फैसला सुनाया है। और बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन को इस मामले से छुटकारा मिल गया है।
क्या था पूरा मामला: वर्ष 2019 में अजमेर निवासी एक व्यक्ति ने उपभोक्ता आयोग में एक केस दर्ज करवाया था। जिसमें उसने कहा कि लव प्रोडक्शन द्वारा निर्मित फिल्म ‘दे दे प्यार दे’ के पोस्टर में बताए गए स्टंट सीन को देखकर फिल्म देखने गया था,लेकिन फिल्म के पोस्टर में बताया गया सीन फिल्म में नहीं था। व्यक्ति ने इसके लिए लव फिल्मस प्रोडक्शन,अभिनेता अजय देवगन और अजमेर के माया मंदिर सिनेमा को गलत विज्ञापन दिखाने के लिए जिम्मेदार बताया था, इसके साथ ही उन्होंने गलत बिजनेस के तरीके और उससे पहुंची मानसिक हानि के लिए 4 लाख 51 हजार रुपए और कंप्लेंट के खर्च के 11 हजार दिलाने की मांग की।
अजय देवगन ने कहा था तर्क: नोटिस मिलने के बाद अभिनेता अजय देवगन ने अपना तर्क देते हुए कहा था कि उन्होंने फिल्म में मात्र अभिनय किया है। फिल्म के प्रचार प्रसार के लिए वह जिम्मेदार नहीं है और एक्टर ने अपने वकीलों के माध्यम से केज्यूमर फोरम में एक एप्लिकेशन दी और मामले को खारिज करने के लिए कहा।
अब कोर्ट ने सुनाया फैसला: अजमेर कंज्यूमर कोर्ट ने दोनों ओर के तर्क सुनने के बाद सोमवार को अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अजय देवगन मात्र एक एक्टर हैं। फिल्म में कौम सा सीन रखना है कौन सा नही इससे, किस तरह के पोस्टर लगाने है, कौन सा एड देना है, इन सब बातों से अभिनेता का कोई लेना देना नहीं होता है। आयोग ने अजय देवगन के खिलाफ लगाए गए मामले को हटाए जाने के आदेश जारी कर दिए हैं।
दे दे प्यार दे का बनेगा सीक्वल: अजय देवगन ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में ‘दे दे प्यार दे’ के सीक्वल पर बात की है। उन्होंने बताया कि फिल्म की कहानी लिखी जा रही है। जैसे ही यह पूरी हो जाती है, वो शूटिंग प्लान पर काम करना शुरू कर देंगे। बता दें कि फिल्म के सीक्वल में इस बार अजय देवगन नहीं बल्कि रकुलप्रीत सिंह की फैमिली की कहानी दिखने को मिलेगी। बता दें फिल्म दे दे प्यार दे में अजय देवगन ने एक मिडिल एज पर्सन का किरदार निभाया था जिसे अपने से आधी उम्र की लड़की से प्यार हो जाता है।