सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर आसीन जस्टिस एसए बोबडे शुक्रवार को सेवानिवृत हो गए जहां उनकी विदाई के मौके पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने शाहरुख खान से संबंधित एक खुलासा किया है। विकास सिंह ने कहा कि अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए जस्टिस बोबडे ने शाहरुख खान को मध्यस्थ बनाने की मंशा जताई थी जिसे शाहरुख खान ने स्वीकार भी लिया था। शाहरुख खान ने मसले को सुलझाने के लिए सुझाव भी दिया था।
सिंह ने जस्टिस बोबडे की वर्चुअल विदाई के मौके पर कहा, ‘अयोध्या विवाद को लेकर मेरे और जस्टिस बोबडे के बीच का एक राज है जिसे मैं बताना चाहूंगा। जब वो मामले की शुरुआती सुनवाई कर रहे थे तो उन्होंने मुझसे पूछा था कि क्या शाहरुख खान इस समिति के सदस्य हो सकते हैं। जस्टिस बोबडे जानते थे कि मैं शाहरुख खान को जानता हूं, इसलिए उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं उनसे बात कर सकता हूं।’
विकास सिंह ने बताया कि मध्यस्थता के लिए शाहरुख खान राजी भी हो गए थे। वो बोले, ‘खान ने यहां तक कहा कि मंदिर की आधारशिला मुस्लिमों से रखवाई जाए और मस्जिद की आधारशिला हिंदुओं से। लेकिन मध्यस्थता की प्रक्रिया फेल हो गई जिससे हमें इस प्लान को छोड़ना पड़ा। लेकिन जस्टिस बोबडे की इस सांप्रदायिक तनाव को मध्यस्थता के जरिए सुलझाने की मंशा बहुत अच्छी थी।’
आपको बता दें कि एसए बोबडे ने पद पर रहते हुए अयोध्या रामजन्म भूमि पर ऐतिहासिक फैसला दिया था। जस्टिस बोबडे ने नवंबर 2019 में भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश की शपथ ली थी। उनके कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट पर कई आरोप भी लगे कि उसने सरकार को बेहद महत्वपूर्ण मामलों पर भी कड़े निर्देश नहीं दिए जैसा कि देश के हाई कोर्ट्स ने सरकार से कड़े सवाल पूछकर किया।
पिछले साल जब लॉकडाउन लगा तब प्रवासी मजदूरों के पीआईएल को सुप्रीम कोर्ट ने सुनने से इंकार कर दिया था जिसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में दखल दिया था।
बहरहाल, जस्टिस बोबडे ने अपना पद छोड़ते वक्त अपने कार्यकाल के प्रति संतोष व्यक्त किया और अगले न्यायाधीश जस्टिस एन वी रमण का स्वागत भी किया। उन्होंने कहा, ‘मैं इस संतोष के साथ पद छोड़ रहा हूं कि मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया। मैं अब कमान न्यायमूर्ति एन वी रमण के हाथों में सौंप रहा हूं, जो मुझे विश्वास है कि बहुत सक्षम तरीके से अदालत का नेतृत्व करेंगे।’