फिल्म बेगम जान के लिए 10 दिनों में विद्या बालन ने सीखी बंदूक चलानी
इस फिल्म के लिए एक्ट्रेस ने ना केवल खुद को गाली देने के लिए कंफर्टेबल बनाया बल्कि फिल्म के क्लाइमैक्स के लिए राइफल चलाना और घुड़सवारी करना भी सीख लिया।

विद्या बालन को अपने किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाने के लिए जाना जाता है। वो किरदार को स्क्रिन पर रीयल बनाने के लिए जानी जाती हैं। बेगम जान के ट्रेलर में उनकी एक्टिंग को देखकर फैंस काफी खुश हैं। इसमें वो डटकर अपने कोठे की रक्षा कर रही हैं। इससे पहले बंगाली फिल्म राजकहिन में इस किरदार को रितुपर्णा सेनगुप्ता ने निभाया था। यह फिल्म उसी का हिंदी रीमेक है। श्रीजीत मुखर्जी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में विद्या कोठे की मालकिन बनी हुई दिख रही हैं। यह फिल्म अगले महीने रिलीज होगी।
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के समय पर आधारित इस फिल्म में विद्या के कोठे के बीचोबीच से दोनों देशों के बीच की लाइन ऑफ कंट्रोल को गुजरना है। जिसके लिए उन्हें इसे खाली करने को कहा जाता है। इस फिल्म के लिए एक्ट्रेस ने ना केवल खुद को गाली देने के लिए कंफर्टेबल बनाया बल्कि फिल्म के क्लाइमैक्स के लिए राइफल चलाना और घुड़सवारी करना भी सीख लिया। झारखंड में बने विशेष फिल्म्स में एक कमरा महिलाओं के लिए बंदूक चलाना सीखने के लिए रिजर्व था। जहां उन्हें नकली गोलियों के साथ बंदूक को लोड और अनलोड करना सिखाया जाता था।
श्रीजीत ने याद करते हुए कहा क्लाइमैक्स के लिए विद्या और दूसरी लड़कियां पुरानी राइफल से फायर करना सीखती थी। उन्हें भागना और यहां तक की हथियार लेकर घुड़सवारी करनी होती थी। इसी वजह से उन्हें हथियार वाले सीन में कंफर्टेबल महसूस करना था। वो सभी हथियार काफी भारी थे लेकिन महिलाओं ने खासतौर से विद्या ने इन्हें हैंडल करने में एक अच्छा काम किया है। यह सब उन्होंने केवल 10 दिन की तैयारी में किया था। आमतौर पर एक वर्कशॉप में इतना भारी टास्क नहीं करवाया जाता है लेकिन जब मैंने विद्या को बताया कि उन्हें बंदूक के साथ परिचित होना पड़ेगा। उन्होंने इसे काफी अच्छे तरीके से हैंडल किया।
https://www.instagram.com/p/BRsUxAulsYZ/
https://www.instagram.com/p/BRX9QJNBs3_/
बता दें कि मुखर्जी से जब पूछा गया कि क्या उनकी फिल्म को सेंसर बोर्ड से कोई दिक्कत है तो उन्होंने कहा- बहुत से शब्दों के लिए वो नियमों के खिलाफ गए और उन्हें फिल्म में रहने दिया। बोर्ड ने कहा कि फिल्म ने हमें उन शब्दों को हटाने से रोक दिया है जिनके लिए मनाही है। श्रीजीत ने कहा कि सेंसर की तरफ से यह काफी उदार रवैया था।