मुंबई। गुजरे जमाने की स्टार आशा पारेख को पांचवें जागरण फिल्म महोत्सव के समापन समारोह में ‘लाइफ टाइम एचीवमेंट’ सम्मान से नवाजा जाएगा ।
अपनी अनोखी अभिनय प्रतिभा के जरिए 71 वर्षीय आशा पारेख ने भारतीय सिनेमा में पचास, साठ और सत्तर के दशक में अपने लिए विशेष स्थान बनाया ।
महोत्सव के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘हम आशा पारेख को ‘लाइफ टाइम एचीवमेंट’ सम्मान देकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं । उनकी फिल्मों को बहुत प्यार मिला और भारत मेंं लाखों सिनेमा प्रेमियों ने उन्हें पसंद किया । हम आभारी हैं कि उन्होंने सम्मान स्वीकार करने की हामी भरी है ।’’
आशा पारेख की पहली बड़ी फिल्म ‘दिल दे के देखो’ 1959 में आयी । उसके बाद तीसरी मंजिल (1966), कटी पतंग (1970) और कारवां (1971) ने उन्हें नई पहचान दिलायी।