वेटरन एक्ट्रेस आशा पारेख (Asha Parekh) इस वक्त गोवा में है और 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में हिस्सा ले रही हैं। आशा पारेख (Asha Parekh) ने महिलाओं के वेस्टर्न ड्रेस पहनने और पारंपरिक पहनावे को बंद कर देने को लेकर खेद व्यक्त किया है। पारेख के मुताबिक सलवार कमीज और घाघरा चोली की जगह गाउन ने ले ली है और इससे वो काफी दुखी हैं।
शादियों में भी लड़कियां गाउन पहन रही हैं
आशा पारेख का कहना है कि लड़कियां फिल्मों में या स्क्रीन पर देखकर हिरोइनों की तरह कपड़े पहनना चाहती हैं। इस बात का उन्हें काफी दुख है। IFFI के दौरान आशा पारेख ने कहा, “सबकुछ बदल गया है। जो फिल्में बन रही हैं, मुझे नहीं पता, हम इतने वेस्टर्न हैं। गाउन पहन के वेडिंग पर आ रही हैं लड़कियां। अरे भैया! हमारी घाघरा चोरी, साड़ी और सलवार कमीज।”
मोटे हो या पतले हम वहीं पहनेंगे…
एक्ट्रेस ने आगे कहा,”वे पर्दे पर सिर्फ हीरोइनों को देखते हैं और उनकी नकल करना चाहते हैं। स्क्रीन पर देख कर वो जो कपड़े पहन रहे उस तरह के कपड़े हम भी पहनेंगे। मोटे हो, या जो हो, हम वही पहनेंगे। ये वेस्टर्न हो रहा है मुझे दुख होता है।”
जया बच्चन ने भी उठाया था सवाल
कुछ दिन पहले वेटरन एक्ट्रेस जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने भी इस मुद्दे को लेकर अपनी राय दी थी। नातिन, नव्या नवेली के पॉडकास्ट ‘वॉट द हेल नव्या’ में जया ने अपनी बेटी श्वेता बच्चन और नातिन से सवाल किया था। जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्यों इंडियन महिलाएं ज्यादा वेस्टर्न कपड़े पहनती हैं?
जब वो लोग इसका जवाब नहीं दे पाए तो जया बच्चन (Jaya Bachchan) ने कहा, “मुझे लगता है कि जो कुछ हुआ है वह बहुत अनजाने में हुआ है, हमने मान लिया है कि पश्चिमी पहनावा ज्यादा…यह महिला को ज्यादा मैनपॉवर देता है। मैं एक महिला को नारी शक्ति में देखना पसंद करूंगी। मैं नहीं कह रही कि साड़ी पहनो, ये बस एक उद्हारण है लेकिन मुझे लगा है कि पश्चिम में भी महिलाएं हमेशा ड्रेसेस पहनती आई हैं। बहुत बाद में उन्होंने भी पैंट पहनना शुरू किया।