आरफ़ा ख़ानम ने लालू यादव को बताया मसीहा तो भड़के फिल्ममेकर, बोले- लुटेरे को मसीहा कहा; अफ़ज़ल गुरु-कसाब आपके हीरो
सजायाफ्ता लालू यादव पर आरफ़ा खानम शेरवानी ने एक ट्वीट किया और उन्हें मसीहा बताया। उनके इस ट्वीट पर अशोक पंडित भड़क गए और उन्होंने कहा कि आतंकवादियों का साथ देकर सांप्रदायिक दंगे तो आप जैसे...

भारतीय राजनीति का प्रमुख चेहरा रहे और चारा घोटाले में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के स्वास्थ की हालत चिंताजनक बताई जा रही है। सांस लेने में तकलीफ़ और फेफड़े के इंफेक्शन के कारण उनका इलाज रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में चल रहा था लेकिन उनके बिगड़ते हालत को देखते हुए दिल्ली के एम्स में भर्ती किया गया है। 72 वर्षीय लालू यादव का इलाज डॉक्टरों की एक टीम कर रही है।
बीमारी की स्थिति में भी लालू यादव सजा काट रहे हैं, इस बात पर अक्सर कई लोग सवाल उठाते हैं। मशहूर पत्रकार और द वायर की वरिष्ठ संपादक आरफ़ा खानम शेरवानी ने भी उनकी सजा पर आपत्ति जताई और ट्विटर पर लिखा, ‘सांप्रदायिक दंगों और आतंकवाद के आरोपी संसद में बैठे हैं और दलितों- पिछड़ों के मसीहा लालू यादव जेल में हैं। ये कैसा इंसाफ है? ये कहां का इंसाफ है?’
आरफ़ा खानम शेरवानी के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए बॉलीवुड फिल्ममेकर अशोक पंडित ने उन्हें आड़े हाथों लिया। उन्होंने लिखा, ‘मोहतरमा जी, आतंकवादियों का साथ देकर सांप्रदायिक दंगे तो आप जैसे लोग फ़ैलाते हो। अफ़ज़ल गुरु, कसाब, याकूब मेमन तो आपके हीरो हैं। लालू प्रसाद यादव जैसे लूटेरे को मसीहा कहकर आप ने अपना परिचय दे दिया।’ उनके इस ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
गर्वित भारतीय नाम के यूज़र ने लिखा, ‘ये मैडम परिचय की मोहताज नहीं हैं। किसी के लिए श्रीराम भगवान तो कोई उनका नाम सुनकर भड़कता है। हाफिज सईद को हम बहुत बड़ा आतंकवादी और देश का दुश्मन मानते हैं लेकिन कभी इन जैसों को उसकी आलोचना करते हुए नहीं सुने होंगे जबकि अफजल, कसाब, याकूब जैसों के लिए इन्हें दुखी होते देखे ही हैं।’
मोहतरमा जी आंतंकवादियों का साथ देकर साम्प्रदायिक दंगे तो आप जैसे लोग फ़ैलाते हो ! अफ़ज़ल गुरु , कसाब , याकूब मेमन तो आपके हीरो हैं !
लालू प्रसाद यादव जैसे लूटेरे को मसीहा कहकर आप ने अपना परिचय दे दिया ! https://t.co/nBysdD44X4— Ashoke Pandit (@ashokepandit) January 24, 2021
हम होंगे कामयाब नाम के हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘ये खातून सिर्फ भाजपा और मोदी के खिलाफ ही लिख सकती है। गरीब और पिछड़ों के लिए इतना ही दर्द है तो खुद की कौम में बहुत पिछड़ापन है उन विषयों पर क्यों नही लिखती। हलाला, तलाक, जिहाद, अज्ञान इन सब बुराइयों से भरा हुआ है तुम्हारा समाज। कुछ काम कर अल्लाह की बंदी।’
MSS नाम से एक यूज़र ने लिखा, ‘आतंकी नाथूराम गोडसे की पूजा तुम लोग करते हो, विनाश पुरुष चाय वाले को विकास पुरुष कहकर अपनी कम अक्ली पहले ही साबित कर चुके हो।’ संदीप कुमार ने लिखा, ‘संघी एजेंडा को खत्म करने का फार्मूला लालू जी अच्छे से जानते हैं इसलिए उन्हें जेल में रखा गया है।’
ऋषिकांत नाम के यूज़र ने आरफ़ा खानम को जवाब देते हुए लिखा, ‘एक पत्रकार का काम होता है किसी मुद्दे पर सिर्फ रिपोर्टिंग करना न कि किसी सजायाफ्ता राजनीतिक नेता के समर्थन में कोई कैंपेन चलाना।’