सलीम-जावेद की जोड़ी ने अपने करियर में कई हिट फिल्में लिखी थीं। एक ऐसी ही फिल्म थी- शोले। शोले में हर किरदार को बहुत सोच-समझकर लिखा गया था। फिल्म की कास्टिंग के लिए भी बहुत समय लगाया गया था। फिल्म शोले में सबसे ज्यादा चर्चित कैरेक्टर था- गब्बर सिंह का। इस किरदार को अमजद खान ने निभाया था, लेकिन वह कभी भी डायरेक्टर रमेश सिप्पी की पहली पसंद नहीं थे।
रमेश सिप्पी गब्बर सिंह का ऑफर लेकर डैनी डेन्जोंगपा के पास पहुंचे थे, लेकिन डैनी इस किरदार को करने के लिए तैयार नहीं थे। दरअसल उस दौरान डैनी फिल्म ‘धर्मात्मा’ में काम कर रहे थे और उन्हें इसके लिए अफगानिस्तान जाना था। ‘RJ राहुल’ ने एक किस्सा सुनाते हुए बताया था, इससे रमेश सिप्पी बहुत निराश हो गए थे और वह राइटर सलीम-जावेद के पास पहुंचे थे। सलीम खान ने उस दौरान एक नाटक देखा था।
अमजद खान को देख चुके थे: इस नाटक में सलीम खान का ध्यान अगर किसी ने खींचा था तो वो थे अमजद खान। अमजद खान के पिता भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े हुए थे। इसलिए सलीम खान ने उन्हें कास्ट करने का फैसला किया। एक बार सलीम खान सुबह अपने घर के बाहर टहल रहे थे और इस दौरान उन्हें अमजद खान नज़र आए थे। उन्होंने अमजद खान से हाल-चाल पूछा और अगले दिन ऑफिस में आने के लिए कहा।
अमजद खान को सलीम-जावेद लेकर सीधा रमेश सिप्पी के ऑफिस में पहुंच गए। यहां अमजद खान को देखते ही रमेश सिप्पी ने पसंद कर लिया। फिल्म की रिहर्सल शुरू हुई और अमजद खान की आवाज किरदार को सूट नहीं कर रही थी।
कई लोग इसको लेकर चिंतित भी नज़र आए, लेकिन रमेश सिप्पी को अमजद खान के किरदार पर पूरा विश्वास था। इसलिए वह उनके ऊपर विश्वास करके टिके रहे। इस दौरान अमजद खान को किसी ने बताया कि सलीम-जावेद ने उनके लिए रमेश सिप्पी को मना कर दिया है। उन्हें ये बात बहुत बुरी लगी और इसके बाद उन्होंने सलीम-जावेद के साथ किसी भी फिल्म में काम नहीं किया।