दिल्ली के इंडिया गेट पर बीते 50 सालों से जल रही अमर जवान ज्योति को अब हमेशा के लिए बुझा दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसे शुक्रवार को एक समारोह में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में मिला दिया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जब एक समर्पित स्मारक है तो अमर जवान ज्योति की लौ को भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के साथ मिला दिया जाएगा। इस बात को लेकर केंद्र की मोदी सरकार लोगों के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर पत्रकार व पूर्व आईएएस अधिकारी भी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
राहुल गांधी ने अमर जवान ज्योति को बुझाने के फैसले की निंदा करते हुए कहा, “बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते हैं। कोई बात नहीं, हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के इस ट्वीट को लेकर फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने उनपर तंज कसा। फिल्म मेकर ने उन्हें जवाब देते हुए लिखा, “दुखी तो आप 2014 से ही हो। कोई नई बात करो।” इससे इतर पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने भी मामले पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए लिखा, “ज्योति से ज्योति जलाई जाती है, बुझाने वाला पहला आया है।”
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा, “साहब का मत बिल्कुल स्पष्ट है, भले ही देश की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा हो, या तो उसका नाम बदल दिया जाएगा या जगह, ताकि शिलापट्ट पर एक ही नाम दिखे- नरेंद्र मोदी। लगभग 3800 शहीद जवानों की स्मृति में स्थापित अमर ज्योति के साथ ऐसा मजाक मोदी जी ही कर सकते हैं। अब भक्त ताली बजाएं।”
पत्रकार रणविजय सिंह ने मामले को लेकर सरकार पर तंज कसा और लिखा, “महंगाई का आलम देखिए, सरकार को अमर जवान ज्योति बुझानी पड़ गई। नेताओं के पास खुद के लिए 10-10 गाड़ियों का ईंधन है, लेकिन शहीदों के लिए दो ज्योति जलाने का ईंधन नहीं। हाय महंगाई।”
फिल्म निर्माकार विनोद कापरी ने मामले पर सवाल करते हुए लिखा, “अगर तर्क यही है कि 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति को नए वॉर मेमोरियल में मिला दिया जाएगा तो सवाल है कि दो जगह ज्योति क्यों नहीं जल सकती? इतिहास, विरासत से छेड़छाड़ की सनक इंसान को विक्षिप्त अवस्था तक ले जाती है, जो देश के लिए खतरनाक है।”