वेटरन एक्टर रतन चोपड़ा का निधन, पैसे के अभाव में नहीं करा पाए अपना इलाज
पैसे के अभाव में रतन चोपड़ा अपनी बीमारी का इलाज भी नहीं करा पाए। आखिर दिनों में वे काफी लाचार हो गए थे। रतन चोपड़ा ने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया लेकिन असल पहचना उनको 1972 में आई फिल्म ‘मोम की गुड़िया’ से मिली।

बॉलीवुड के वेटेरन एक्टर रतन चोपड़ा का निधन हो गया है। रतन चोपड़ा को रवि चोपड़ा के नाम से भी जाना जाता था। रतन चोपड़ा पिछले लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। एक्टर अंतिम सांस शुक्रवार की रात पंजाब के मलेर कोटला में अपने पुस्तैनी घर में ली। पैसे के अभाव में रतन चोपड़ा अपनी बीमारी का इलाज भी नहीं करा पाए। आखिर दिनों में वे काफी लाचार हो गए थे। रतन चोपड़ा ने कई बॉलीवुड फिल्मों में काम किया लेकिन असल पहचना उनको 1972 में आई फिल्म ‘मोम की गुड़िया’ से मिली। रतन चोपड़ा की बेटी अनीता ने उनकी मौत की खबर की पुष्टि की है।
आजतक के मुताबिक रतन चोपड़ा ने हाल ही में बॉलीवुड एक्टर धर्मेन्द्र, अक्षय कुमार और सोनू सूद से भी मदद की गुहार लगाई थी। हालांकि उन्हें किसी से भी मदद नहीं मिली। पैसे के अभाव में उनका इलाज भी ठीक से नहीं हो पा रहा था। हालात ये बन गए थे कि एक्टर को गुरूद्वारे और मंदिरों से मिलने वाले खाने पर गुजारा करना पड़ रहा था। रतन पिछले कुछ समय हरियाणा के पंचकुला के सेक्टर 26 में किराए के मकान में रह रहे थे।
नहीं की थी शादीः रतन चोपड़ा कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। रतन को इस बीमारी का पता इसी साल जनवरी में चला। रतन चोपड़ा ने शादी नहीं की थी। लेकिन अनीता नाम की एक लड़की को गोद लिया था। वे गुजारे के लिए स्कूल सहित निजी शिक्षण संस्थानों में अंग्रेजी पढ़ाते थे।
रतन चोपड़ा काअसली नाम अब्दुल जब्बर खान था। रतन पटियाला के चंडीगढ़ एंड पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद मुंबई चले आए थे। ‘मोम की गुड़िया’ फिल्म करने के बाद उनके पास करीब 10 फिल्मों के ऑफर आए थे। लोफर, आया सावन झूम के और जुगनू जैसी फिल्मों के ऑफर अपनी दादी के जोर डालने पर ठुकरा दिया था। रतन की दादी उनके फिल्मी करियर के खिलाफ थीं।