बीजेपी से निकाले गए हरक सिंह रावत अब वापस कांग्रेस में आ गए हैं। इसके साथ ही पिछले कई दिनों से चली आ रही हरक सिंह रावत की राजनीतिक यात्रा पर जारी अटकलें भी अब थम गई हैं। आइए जानते हैं कब क्या हुआ…
निकाले गए पार्टी से- 16 जनवरी को बीजेपी ने हरक सिंह रावत के बगावती तेवर को देखते हुए पार्टी से छह सालों के लिए निकाल दिया। इसके साथ ही उनसे मंत्री पद भी छीन लिया गया। रावत अपने क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज के लिए अड़े हुए थे, जिसका उन्होंने पिछले चुनाव के समय वादा भी किया था, लेकिन सरकार से पूरा नहीं करवा पाए। इस मांग को लेकर पहले भी सीएम के साथ तकरार हो चुका था, लेकिन तब बीजेपी हाईकमान ने उन्हें मना लिया था। हालांकि बाद में बीजेपी की ओर से कहा गया कि वो अपने परिवार के लिए टिकट मांग रहे थे, जो संभव नहीं था। इसलिए उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।
हरक सिंह ने क्या कहा- बीजेपी से निकाले जाने के बाद हरक सिंह रावत अगले दिन इस सवाल पर फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने तब कसम खाई कि वो इसका बदला लेंगे। इसी समय हरक सिंह रावत ने ऐलान कर दिया था कि अगले चुनाव के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार आ रही है, और वो कांग्रेस के लिए ही राज्य में काम करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने मनगढ़ंत खबरों के आधार पर उन्हें पार्टी ने निष्कासित किया है।
बीजेपी ने क्या कहा- हरक सिंह रावत को कैबिनेट और पार्टी से निकाले जाने के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो अपने परिवार के सदस्यों के लिए टिकट मांग रहे थे, दबाव बना रहे थे, जो पार्टी की नीति के विरूद्ध था, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
कांग्रेस में विरोध- हरक सिंह रावत अलग उत्तराखंड राज्य के बनने के बाद से कांग्रेस के लिए ही काम रहे थे, पार्टी का बड़ा चेहरा था, लेकिन 2016 में हरीश रावत की सरकार को गिराकर वो बीजेपी में शामिल हो गए थे। अब जब फिर से वो कांग्रेस में आने के लिए तैयार थे तो इस समय पार्टी का चेहरा और तब के मुख्यमंत्री हरीश रावत इसके लिए तैयार नहीं दिखे। उन्होंने कहा था कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए। हालांकि कांग्रेस के उत्तराखंड में प्रभारी देवेन्द्र यादव और कांग्रेस दल के नेता प्रीतम सिंह, हरक सिंह को पार्टी में शामिल करना चाह रहे थे।
आखिरकार हाथ का थामा दामन- शुक्रवार को हरक सिंह रावत अंतत: कांग्रेस में आ गए। हरक सिंह रावत अपनी बहू अनुकृति के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस के राज्य में प्रमुख नेता हरीश रावत, पार्टी प्रभारी देवेन्द्र यादव समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में हरक सिंह रावत ने हाथ का दामन थाम लिया है।