केंद्र सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करने वाले संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने उत्तर प्रदेश के किसानों से अपील की है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं कर उनसे छल करने के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को वोट न देकर सजा दें।
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और संयुक्त किसाना मोर्चा से जुड़े योगेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा सिर्फ वोट की चोट समझती है। उनका कहना था कि सरकार ने जो वायदे किए थे वो अभी तक पूरे नहीं हुए। यादव ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति बनाने और किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने सहित उनकी शेष मांगें अभी भी अधूरी हैं। जो किसान शहीद हुए उन्हें मुआवजे की बात भी नहीं की जा रही है। लखीमपुर में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले के आरोपी के पिता केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ है।
यादव ने कहा बीजेपी के घोषणापत्र की बखिया उधेड़ते हुए कहा कि जो वायदे इस बार किए गए हैं वो पांच साल पहले भी किए गए थे। प्रधानमंत्री हर साल एक ही घोषणा बार-बार कर देते हैं। योगी कहते हैं कि गन्ना किसानों को 14 दिनों में भुगतान की सुविधा है। लेकिन वो पिछले साल का ही बकाया दिला दें तो किसान तहे दिल से उनका धन्यवाद अदा करेगा।
उनका कहना था कि बीजेपी किसानों के साथ लोगों को नासमझ मानती है। उन्हें ये नहीं पता कि जो पिछला घोषणापत्र था वो फिर से सामने आ जाएगा। किसानों ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन किया था। उनका कहना था कि बीजेपी ये न समझे कि किसान लौट गए हैं।
सोशल मीडिया पर किसान नेताओं की बात से सहमत होते हुए कई लोगों ने बीजेपी पर तंज कसे। बेरोजगार युवा के हैंडल से ट्वीट किया गया कि सभी से अनुरोध है की 700 किसानों की शहादत का दिल से सम्मान करना। घमंडी भारतीय जुमला पार्टी को भगाओ तभी 700 किसानों की आत्मा को शांति मिलेगी। इनके जुमलेबाजी में मत फंसना भाई।
जय लाल गुर्जर ने लिखा- भाजपा के नैता औ के बुरे दिन चालू हो गया है बिकाऊ मीडिया के भी बुरे दिन आ गए हैं। राम बहादुर यादव ने लिखा कि किसान एकता जिंदाबाद। किसानो को जनता मे जाकर प्रचार करना चाहिए। तभी जनता समझ पाएगी।