भाजपा ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी को टिकट नहीं देने का फैसला किया है। बेटे को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने के बाद रीता बहुगुणा जोशी ने चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है।
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि भाजपा ने उनके बेटे को टिकट नहीं देने का फैसला किया है और अब वे खुद भी चुनावी राजनीति से संन्यास ले रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका लोकसभा का कार्यकाल 2024 में ख़त्म हो रहा है। इसके बाद वे भविष्य में कोई चुनाव नहीं लड़ेंगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि उनका बेटा समझदार है और वो अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है।
दरअसल भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी लखनऊ कैंट विधानसभा से टिकट चाह रहे थे। पिछले दिनों भी उन्होंने अपने बेटे को टिकट दिए जाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा था कि उनका बेटा 12 साल से बीजेपी में काम कर रहा है। अगर उसने अपने काम को लेकर टिकट मांगा है, तो यह उसका अधिकार भी है। अगर पार्टी का नियम है कि एक परिवार से एक को ही टिकट, तो मैं सांसद के तौर पर अपना इस्तीफा देने को तैयार हूं।
हालांकि उन्होंने यह साफ़ कर दिया है कि वे भाजपा नहीं छोड़ेंगी और अगर पार्टी चाहेगी तो वे विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए प्रचार भी करेंगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 में रीता बहुगुणा के सांसद बन जाने के बाद खाली हुई लखनऊ कैंट सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में भी वे अपने बेटे को यहां से चुनाव लड़ाना चाहती थीं लेकिन पार्टी ने सुरेश तिवारी को टिकट दिया था। वर्तमान में सुरेश तिवारी इस सीट से विधायक हैं।
बता दें कि रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से लगातार दो बार 2012 और 2017 में विधायक चुनी गईं। 2012 में वह कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनीं लेकिन 2017 में वो भाजपा में आ गईं और एक बार फिर लखनऊ कैंट से विधायक चुनी गईं। हालांकि 2019 में वे भाजपा के टिकट पर ही प्रयागराज से सांसद चुनी गईं। रीता बहुगुणा जोशी लंबे समय तक कांग्रेस में रहीं और वे कांग्रेस में कई बड़े पदों पर भी रहीं।