भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत किसानों के मुद्दे पर मुखर रहे हैं और विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई। इस दौरान उनको पश्चिम यूपी में रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी का साथ मिला। बदलते घटनाक्रम में एक बार राजनीतिक पंड़ित ये मान रहे थे कि यूपी विधानसभा में राकेश टिकैत का भाजपा के खिलाफ रवैया पार्टी को बहुत नुकसान पहुंचाएगा। हर कोई जानना चाहता है कि राकेश टिकैत के विधानसभा क्षेत्र में कौन सी पार्टी को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है।
मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत का अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता है। यहां की बुढ़ाना विधानसभा सीट से सपा गठबंधन के उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं। 13 राउंड की गिनती के बाद रालोद के राजपाल सिंह बालियान को 56940 वोट मिले हैं जबकि भाजपा उम्मीदवार उमेश मलिक को 49045 वोट मिले हैं। इस सीट पर बसपा को 3227 वोट और कांग्रेस को 923 वोट मिले हैं।
किसान आंदोलन के दौरान पश्चिमी यूपी में सियासत गरमाई रही। राजनीतिक पंडितों का मानना था किसानों की नाराजगी का खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ सकता है। जाट-मुस्लिम समीकरण को सपा गठबंधन की मजबूती बताई जा रही थी हालांकि, चुनावी रुझानों ने इन समीकरणों को ध्वस्त कर दिया है। वहीं, बुढ़ाना में जरूर सपा गठबंधन को फायदा मिलता दिख रहा है।
दरअसल, वोटिंग वाले दिन राकेश टिकैत ने कहा था कि भाजपा के वोट कोको ले गई। राकेश टिकैत बार-बार ये कहते रहे हैं कि उनको चुनाव से मतलब नहीं है और वे किसी भी पार्टी के समर्थन में वोट नहीं मांग रहे थे। बता दें कि विधानसभा चुनावों के शुरुआती रुझानों में भाजपा 274 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि समाजवादी पार्टी गठबंधन को 121 सीटों पर बढ़त हासिल है, जिसमें रालोद की 9 सीटें भी शामिल हैं। ओपी राजभर की पार्टी 4 सीटों पर आगे है।
भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) 11 सीटों पर आगे है जबकि निषाद पार्टी 4 सीटों पर आगे है। चुनावों में बसपा और कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है, जहां मायावती की पार्टी को केवल 2 सीटों पर बढ़त हासिल है जबकि कांग्रेस को एक सीट पर बढ़त हासिल है।