हाल ही में सरकार ने किसानों के एक साल तक चले विरोध-प्रदर्शन के बाद तीन कृषि कानूनों काे वापस ले लिया था। कृषि कानूनों का विरोध करने वालों में अधिकतर पश्चिमी यूपी के किसान शामिल थे। तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद भी यहां के किसानों में अब भी सरकार और भाजपा के प्रति गुस्सा कम नहीं हुआ है। इसका असर रोजाना देखा जा रहा है।
मंगलवार को मुजफ्फरनगर के बुधाना से भारतीय जनता पार्टी के निवर्तमान विधायक और सीट से पार्टी के उम्मीदवार उमेश मलिक को अपने विधानसभा क्षेत्र की एक गली से गुजरते हुए लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा। विधायक चुनाव से जुड़े किसी काम से अपने समर्थकों के साथ रसूलपुर जतन गांव पहुंचे थे। इस दौरान गली में दोनों ओर खड़े ग्रामीणों ने मलिक और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी मंशा साफ कर दी।
उन्होंने समाजवादी पार्टी – राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के प्रत्याशी राजपाल बलियान के पक्ष में भी नारे लगाए। ग्रामीणों ने मलिक का विरोध किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। गौरतलब है कि केन्द्र द्वारा वापस लिए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले भारतीय किसान यूनियन का मुख्यालय बुधाना विधानसभा क्षेत्र के सिसौली में ही स्थित है। मलिक को रविवार को मंसूरपुर के गांव में पिछले चुनावी वादों को लेकर तमाम सवालों का सामना करना पड़ा था।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसानों को हिंदू मुस्लिम की राजनीति के जरिए ध्रुवीकरण करने की कोशिशों से होशियार करते हुए कहा है कि किसान मतदान जैसे महत्वपूर्ण विषय को लेकर पूरी तरह सतर्क हैं। टिकैत ने रविवार की रात इगलास इलाके में एक निजी समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “आने वाले कुछ हफ्तों में हिंदू मुस्लिम और जिन्ना के मुद्दे खूब सुनाई देंगे, मगर किसानों को ऐसे भ्रमित करने वाले मुद्दों से होशियार रहना होगा।”
उन्होंने किसानों को सतर्क करते हुए कहा, “मतों का ध्रुवीकरण करने और निहित स्वार्थों के जरिए ध्यान भटकाने के लिए हिंदू मुस्लिम के मुद्दे उठाए जाएंगे। अगले 15 मार्च तक हिंदू मुस्लिम और जिन्ना उत्तर प्रदेश के अतिथि बन जाएंगे।”