राजनीति में आकर नाम कमाने और जनसेवा करने के लिए लोग वर्षों प्रयास करते हैं। बहुत से लोग इसमें सफल हो जाते हैं और बहुत से लोग नहीं हो पाते हैं, लेकिन हिम्मत नहीं हारते हैं। चाहे उनका शरीर साथ दे या नहीं। यूपी के महराजगंज के सदर विधानसभा से एक ऐसे ही प्रत्याशी हैं, जो काफी बीमार हैं, लेकिन चुनाव लड़ने से खुद को रोक नहीं पाए और मैदान में डट गए हैं। उनका नाम है निर्मेश मंगल, लेकिन वे इस बार एंबुलेंस प्रत्याशी के रूप में प्रसिद्ध हो गए हैं। नामांकन के दिन वे गश खाकर गिर गए थे और काफी बीमार हो गए हैं।
निर्मेश मंगल निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन दिनों वह गंभीर रूप से बीमार हैं और चल-फिर भी नहीं पा रहे हैं, लेकिन एंबुलेंस में लेटे-लेटे वह अपने परिवार और समर्थकों के साथ क्षेत्र में अपना प्रचार और जनसंपर्क कर रहे हैं। निर्मेश मंगल तीन बार बहुजन समाज पार्टी के टिकट से चुनाव में उतरे, लेकिन सफल नहीं हुए।
इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय ही मैदान में उतर पड़े हैं। हालांकि उनको उम्मीद थी कि सपा में शामिल होने के बाद टिकट उनको मिलेगा, लेकिन गठबंधन की वजह से यह सीट सुभासपा के हिस्से में चली गई और टिकट उनके प्रत्याशी को मिल गया। फिलहाल उनको भरोसा है कि पिछले 20 सालों से उन्होंने जनता के बीच रहकर जो प्यार बांटा है, जनता उसके बदले में उनका साथ जरूर देगी। वे आश्वस्त है कि वे जीतेंगे और विधायक बनेंगे।
उन्होंने कहा कि इतने सालों से उन्होंने क्षेत्र की जिस जनता को अपना माता-पिता, बहन-भाई बनाया आज वही जनता उनके लिए आगे आकर चुनाव लड़वाने का काम कर रही है। कहा कि हमारे पास कुछ नहीं है, सब कुछ यही जनता कर रही है। यही हैंडबिल छपवा रही है, वही पोस्टर बनवा रही है, वही उसका प्रचार कर रही है। इसलिए उनको पूरा भरोसा है कि वे चुनाव जीतेंगे।
महराजगंज में छठे चरण में तीन मार्च को मतदान है। मंगलवार को चुनाव प्रचार का आखिरी दिन है। इस दौरान सभी दलों के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। यहां पर सपा, भाजपा, बसपा के राष्ट्रीय नेताओं ने रैलियां और सभाएं करके अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे हैं। गुरुवार को मतदान के बाद 10 मार्च को मतगणना होगी और तब किसकी किस्मत पर जनता ने मुहर लगाई है, वह नाम सामने आएगा।