उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का ऐलान होते ही 3 मंत्रियों- स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी समेत 11 OBC नेता बीजेपी छोड़ चुके हैं। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को अपर कास्ट, गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलितों ने करीब 60 प्रतिशत वोट देकर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता दिलाई थी। यूपी की सियासत में ओबीसी वोट बैंक सत्ता की कुंजी है। ऐसे में इन नेताओं का छोड़कर जाना बीजेपी के लिए करारा झटका है। आखिर ओबीसी नेताओं की ये बगावत कैसे और कब शुरू हुई? क्या स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान जैसे नेताओं ने पार्टी छोड़ने का ये प्लान अचानक बनाया या लंबे समय से तैयारी चल रही थी? एक बड़ा सवाल और है, क्या इन नेताओं को पार्टी में प्रॉब्लम हो रही थी या इन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ परेशानी हो रही थी।
एक साल पहले फ्लाइट में लिखी गई थी बीजेपी में मची भगदड़ की स्क्रिप्ट
टेलिग्राफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, योगी सरकार में कुछ दिनों पहले मची भगदड़ की ये पूरी स्क्रिप्ट करीब एक साल पहले लिखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, ”करीब एक साल पहले उस वक्त योगी सरकार में वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने एक फ्लाई में बैठे। यह फ्लाइट लखनऊ से दिल्ली जा रही थी, जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी सवार थे।” दरअसल, दारा सिंह चौहान ने सबकी नजरों से बचने के लिए अखिलेश यादव की फ्लाइट के बारे में जानकारी हासिल की और उसी हिसाब से अपना भी टिकट बुक करा लिया। अब इसके क्या हुआ, चलिए आपको बताते हैं:
”सीएम योगी हमें लगातार बेइज्जत और प्रताडि़त कर रहे हैं”
दारा सिंह चौहान ने अखिलेश यादव से फ्लाइट में कहा, ”योगी आदित्यनाथ के अंडर हमारा दम घुट रहा है। वह लगातार हमें (OBC मंत्री और विधायकों ) बेइज्जत और प्रताडि़त करते हैं। कृपया आप कुछ कीजिए… हमें इस नर्क से निकालिए।” दारा सिंह चौहान ने फ्लाइट में अखिलेश यादव को जब यह पूरी व्यथा सुनाई, तब अखिलेश यादव के साथ उनके दो और साथी फ्लाइट में मौजूद थे।
‘मैं स्वामी प्रसाद मौर्य का दूत बनकर आया हूं”
रिपोर्ट के मुताबिक, दारा सिंह चौहान ने अखिलेश यादव से यह भी कहा, ”मैं आपके पास सम्मानित ओबीसी नेता और वरिष्ठ मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का दूत बनकर आपके पास आया हूं। अगर आप हमारी बात सुनेंगे तो दर्जनों ओबीसी विधायक बीजेपी छोड़कर सपा में आ सकते हैं।”
दारा सिंह चौहान से मिलकर बहुत उत्साहित नहीं थे अखिलेश यादव
फ्लाइट में अखिलेश यादव ने दारा सिंह चौहान की पूरी बात सुनी। सपा अध्यक्ष ने उस वक्त किसी प्रकार का वादा तो नहीं किया, लेकिन इतना जरूर कहा, ‘आप जाइए और अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए काम करिए। हम देखते हैं क्या कर सकते हैं।’ दारा सिंह चौहान को ये बातें बोलकर अखिलेश यादव दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे और आगे निकल गए।
मुलायम सिंह यादव ने पलट दिया पासा, बेटे को समझाई ये बात
स्वामी प्रसाद मौर्य समेत योगी कैबिनेट के अन्य मंत्रियों और बीजेपी विधायकों को सपा में शामिल करने को लेकर अखिलेश यादव ज्यादा उत्सुक नहीं थे, लेकिन पिता मुलायम सिंह यादव के दखल के बाद उन्होंने अपना माइंड चेंज किया। अखिलेश यादव को लग रहा था कि बीजेपी के बहुत से बागी नेताओं के आ जाने सपा में टिकट बंटवारा प्रॉब्लम बन जाएगा, लेकिन मुलायम सिंह यादव ने उन्हें समझाया।
सभी ओबीसी और दलित नेताओं को साथ लाओ: मुलायम सिंह यादव
मुलायम ने कहा, ‘तुम्हें सभी ओबीसी और दलित पार्टियों से संपर्क साधना चाहिए, क्योंकि इससे यादव-मुस्लिम कॉम्बिनेशन से अलग तुम्हारी पार्टी का बेस बढ़ेगा। तुम्हें अपने चाचा शिवपाल यादव के साथ मतभेदों को भी खत्म करना होगा, जिन्होंने 2017 में वोट कटुआ का काम किया। ये समय राम मनोहर लोहिया और अंबेडकर-कांशीराम से प्रेरित सभी दलों को साथ लाने का है।”
ओपी राजभर ने ओबीसी नेताओं में भड़काई बगावत की चिंगारी
स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी समेत अन्य ओबीसी नेताओं के बीजेपी छोड़ने से पहले ओम प्रकाश राजभर ने योगी सरकार से इस्तीफा देकर सपा के साथ गठबंधन किया। सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी के नेता राजभर भी योगी कैबिनेट में मंत्री थे। योगी आदित्यनाथ के शपथ लेने के एक साल के भीतर ही राजभर ने बगावत का ऐलान कर दिया था। वह योगी सरकार के उस फैसले से नाराज थे, जिसमें स्कूल स्कॉलरशिप के लिए 700 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। राजभर इस बात से नाराज थे कि अपर कास्ट और बैकवर्ड क्लास के बच्चों के बराबर राशि क्यों मंजूर की गई।
राजभर का तर्क यह था कि यूपी के स्कूलों में 5 लाख छात्र अपर कास्ट के हैं, जबकि 25 लाख बैकवर्ड क्लास और वंचित समाज से आते हैं, ऐसे में बराबर राशि मंजूर करना अन्याय है। राजभर का दावा है कि योगी आदित्यनाथ इस मामले में उनकी बात को सिरे से खारिज कर दिया।
”ओबीसी सपोर्ट से अपर कास्ट के लिए काम कर रहे सीएम योगी”
ओपी राजभर ने सार्वजनिक और गुप्त तौर पर कई बैठकें बीजेपी के ओबीसी नेताओं के साथ कीं। इन बैठकों में स्वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्य समेत अन्य नेताओं को समझाया कि कैसे सीएम योगी आदित्यनाथ ओबीसी सपोर्ट को यूज करने अपर कास्ट और हिंदुत्व के लिए कम कर रहे हैं।