समाजवादी पार्टी के मुखिया और आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव भी 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। कुछ दिन पहले ही अखिलेश ने कहा था कि कार्यकर्ता जहां से कहेंगे वह, वहां से चुनाव लड़ेंगे। अब अखिलेश यादव की विधानसभा सीट भी फाइनल हो गई है। मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
इससे पहले अखिलेश यादव विधान परिषद सदस्य रह चुके हैं और वर्तमान में आजमगढ़ से सांसद है। बता दें कि मैनपुरी के समाजवादी पार्टी के जिला संगठन ने लखनऊ जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात कर उनसे करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया और लिखित प्रस्ताव भी दिया था। जिसके बाद पार्टी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
अखिलेश ने करहल सीट क्यों चुनी?: अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट ही क्यों चुनी? इसके पहले भी चर्चा थी अखिलेश यादव गुन्नौर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन करहल पर मुहर के साथ तमाम कयासों पर विराम लग गया है। दरअसल, करहल विधानसभा क्षेत्र अखिलेश यादव के गांव सैफई के पास ही है। मैनपुरी यादव परिवार का गढ़ है और परिवार का भावनात्मक लगाव भी मैनपुरी से है। सैफई गांव से 5 किलोमीटर दूर करहल विधानसभा क्षेत्र शुरू हो जाता है। यही नहीं सैफई की 3 ग्राम पंचायतें भी करहल विधानसभा क्षेत्र में आती हैं।
करहल में शिक्षक थे मुलायम: बहुत कम लोग जानते हैं सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने करहल के जैन इंटर कॉलेज से ही पढ़ाई की है। बाद में मुलायम सिंह इसी कॉलेज में शिक्षक भी रहे। करहल विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और यहां से समाजवादी पार्टी 1996 से लगातार जीतती हुई आ रही है। अब तक मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने 9 बार जीत हासिल की है। 5 बार खुद मुलायम सिंह यादव यहां से जीतकर संसद पहुंचे हैं। वर्तमान में मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से ही सांसद हैं।
1993 से लगातार जीत के बाद करहल विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी सिर्फ 2002 में हारी थी। उस समय बीजेपी से सोबरन सिंह यादव ने चुनाव लड़ा था और 925 वोटों के मामूली अंतर से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि बाद में उन्होंने भी समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था।
करहल विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने अब तक 6 बार जीत हासिल की है, जिसमें एक उपचुनाव शामिल है। 1993 और 1996 में सपा के बाबूराम यादव यहां से विधायक निर्वाचित हुए थे। 2000 के उपचुनाव में भी सपा ने यहां से जीत हासिल की। 2002 में बीजेपी के टिकट पर सोबरन सिंह यादव विधायक चुने गए हैं।
बाद में उन्होंने समाजवादी पार्टी को ज्वाइन कर लिया और 2007 ,2012 और 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सोबरन सिंह यादव विधायक चुने गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सोबरन सिंह यादव ने बीजेपी के प्रेम शाक्य को 38 हजार से अधिक वोटों से हराया था।
यादव बाहुल्य क्षेत्र: बता दें कि करहल विधानसभा क्षेत्र में लगभग सभी जाति बिरादरी के लोग रहते हैं, लेकिन यादव मतदाता यहां पर सबसे अधिक है। करहल विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 35 हजार के करीब यादव वोटर है। जबकि एक लाख के करीब ब्राह्मण ठाकुर भी करहल विधानसभा क्षेत्र में है। करहल विधानसभा क्षेत्र में करीब 70 हजार दलित वोटर भी रहते हैं, जबकि 25 से 27 हजार के बीच मुस्लिम वोटर भी हैं।