उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नेताओं का पाला बदलने का दौर जारी है। पहले भाजपा से स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में गए तो वहीं बुधवार को सपा नेता अपर्णा यादव भाजपा में शामिल हो गईं। ऐसे में हर रोज यूपी के सियासी समीकरण बदलते दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि चुनावी सरगर्मी के बीच टीवी न्यूज चैनलों पर भी खूब बहस देखने को मिल रही है।
पैनलिस्ट का दावा- भाजपा और बसपा होंगे एक: रिपब्लिक भारत न्यूज चैनल पर यूपी चुनाव को लेकर हुई एक डिबेट में एक पैनलिस्ट ने दावा किया कि चुनाव नतीजों के बाद भाजपा और बसपा के बीच गठबंधन हो जाएगा। बता दें कि डिबेट में पैनलिस्ट के तौर पर शामिल पत्रकार ऋषि शंकर मिश्रा ने दावा किया कि चुनाव बाद बसपा और भाजपा एक हो जाएंगे।
भाजपा नेता ने कहा- इनका दावा यही जानें: उन्होंने कहा कि मेरे पास पुख्ता खबर है कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो उसमें बसपा की भागीदारी होगी। यही कारण है कि बसपा पूरी ताकत से चुनावी मैदान में नहीं है। ऋषि मिश्रा के दावों पर जवाब देते हुए भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि इनका क्या कहना है ये वहीं जानते हैं। कुल मिलाकर इनका भी वही हाल है जो समाजवादी पार्टी का है।
उन्होंने कहा कि पिछले समय में सपा-बसपा ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा और उसका नतीजा सबके सामने है। सपा बसपा एक जाति विशेष के वोट आधार पर राजनीति करती है।
‘भाजपा सरकार में आम आदमी का विकास हुआ’: सुब्रत पाठक ने कहा कि मुसलमानों में भाजपा के खिलाफ डर पैदा करने का काम किया जा रहा है। तुष्टिकरण की राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव यूपी के विकास का चुनाव है। यूपी में भाजपा सरकार से पहले केवल परिवार और उनके चेले-चमचों का विकास होता था। लेकिन अब आम आदमी का विकास हुआ है।
बता दें कि चुनावी सरगर्मी के बीच 19 जनवरी को समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। दरअसल मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया। माना जा रहा है कि पहले चरण की वोटिंग से पहले यह घटनाक्रम सपा के लिए अच्छा नहीं है।