उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और पहले चरण के लिए नामांकन की आखिरी तारीख भी 21 जनवरी थी। पहले चरण में उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर मतदान होगा और ये सभी सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की है। बता दें कि नामांकन के आखिरी दिन शामली की थाना भवन सीट को लेकर बीजेपी को झटका लगा। थानाभवन सीट से विधायक बीजेपी के सुरेश कुमार राणा है और 2012, 2017 दोनों चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी। 2022 में पार्टी ने इन पर फिर भरोसा जताते हुए थाना भवन से टिकट दिया है। वर्तमान में सुरेश राणा उत्तर प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री भी हैं।
शेर सिंह राणा ने किया नामांकन: दरअसल 21 जनवरी को पहले चरण के नामांकन का आखिरी दिन था और समाजवादी पार्टी के नेता शेर सिंह राणा ने निर्दलीय नामांकन भर दिया। शेर सिंह राणा समाजवादी पार्टी से टिकट मांग रहे थे लेकिन सपा – रालोद गठबंधन के कारण यह सीट रालोद के खाते में चली गई, जिससे नाराज शेर सिंह राणा ने निर्दलीय नामांकन भर दिया। शेर सिंह राणा के नामांकन भरने के कारण सपा – रालोद गठबंधन और बीजेपी दोनों पार्टियों को झटका लगा है।
बीजेपी उम्मीदवार सुरेश राणा को डर सता रहा है कि शेर सिंह राणा के मैदान में आने से ठाकुर और जाट वोटों में भी बंटवारा होगा जिससे बीजेपी को भारी नुकसान सहना पड़ेगा। बता दें यहां पर मुस्लिम आबादी भी निर्णायक है और बीजेपी नहीं चाहती कि जाट और ठाकुर वोटों में बटवारा हो।
सुरेश राणा पहुंचे थे मनाने: उत्तर प्रदेश सरकार में गन्ना मंत्री सुरेश राणा शेर सिंह राणा को मनाने उनके घर पहुंचे थे, हालांकि शेर सिंह राणा नहीं माने। सुरेश राणा इलाके के प्रभावी लोगों के साथ शेर सिंह राणा को मनाने के लिए गए थे लेकिन बाद में उनको निराश वापस लौटना पड़ा। शेर सिंह राणा ने वीडियो जारी कर कहा कि सुरेश राणा उन्हें मनाने आए थे लेकिन उन्होंने समर्थकों के कहने पर पर्चा भरा है और वह चुनाव लड़ेंगे। उन्हें सभी समाज का समर्थन हासिल है।
क्या है जातीय समीकरण?: दरअसल थानाभवन सीट मुस्लिम बाहुल्य सीटों में आती है और यहां पर करीब 95 हजार मुस्लिम मतदाता है। वहीं पर 45 हजार के करीब जाट वोट है जबकि 25 हजार के आसपास ठाकुर वोट भी है। 15 हजार ब्राह्मण और 22 हजार सैनी मतदाता भी थाना भवन में रहते हैं। 2017 के मोदी लहर में सुरेश राणा 16 हजार से अधिक वोटों से जीते थे जबकि बीएसपी प्रत्याशी अब्दुल वारिस खान दूसरे नंबर पर थे। 2012 के चुनाव में सुरेश राणा महज 265 मतों से जीते थे।
मुस्लिम बाहुल्य सीट होने के कारण बीजेपी नहीं चाहती कि यहां पर हिंदू वोटों में अधिक बंटवारा हो। इसीलिए शेर सिंह राणा के निर्दलीय मैदान में आने के कारण बीजेपी प्रत्याशी सुरेश राणा को नुकसान का डर सता रहा है। इलाके में शेर सिंह राणा का भी अच्छा खासा दबदबा है।
बीएसपी, कांग्रेस ने भी मजबूत उम्मीदवार घोषित किए हैं: थानाभवन विधानसभा सीट से रालोद ने अशरफ अली को उम्मीदवार बनाया है। वहीं पर बीएसपी ने सपा के बागी जहीर मलिक को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने यहां से सत्य सय्यम सैनी को टिकट दिया है। आपको बता दें बसपा ने भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया है जिससे सपा रालोद गठबंधन को भी मुस्लिम वोटों के बंटने का डर सता रहा है। वहीं पर कांग्रेस ने सैनी समाज के नेता को टिकट दिया है।