Uttar Pradesh Election: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण की मतदान तिथि जैसे-जैसे करीब आ रही है, नेताओं और पार्टियों की गतिविधियां भी तेज होती जा रही हैं। कुछ समय पहले तक भाजपा में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्या अब समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। हालांकि उनकी बेटी और बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्या अब भी भाजपा में हैं। उन्होंने पिता के साथ पार्टी बदलने से इंकार करते हुए कहा कि वे जहां हैं, वहीं सही हैं। उन्होंने साफ किया कि वे न तो अपनी पार्टी बदल रही हैं और न ही सांसद पद को छोड़ रही हैं। यानी पिता और बेटी के रिश्ते भी बरकार हैं और दोनों की राजनीतिक दिशा भी अलग-अलग है।
संघमित्रा मौर्या ने मंगलवार को अपने आप को भाजपा का कार्यकर्ता बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर पूरा विश्वास जताया। अपने पिता के भाजपा छोड़ने के बाद पहली बार बदायूं पहुंचीं संघमित्रा मौर्या आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के लोगों द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया के दौरान मौजूद रहीं।
बदायूं में दूसरे चरण में 14 फरवरी को मतदान होना है. उन्होंने कहा कि बदायूं जिले की सभी छह सीटों पर भाजपा विजयी होगी। उन्होंने कहा, “मैं एक भाजपा कार्यकर्ता हूं और मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पूरा भरोसा है।” पत्रकारों के इस सवाल पर कि आपके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य कह रहे है, कि भाजपा में पिछड़ों और दलितों का सम्मान नही है, उन्होंने जवाब दिया कि यह बात प्रधानमंत्री मोदी जी तक पहुंच गई है और वह इसका समाधान करेंगे।
संघमित्रा मौर्या ने अपने और अपर्णा यादव के बारे में खुद के द्वारा फेसबुक पर किए गए पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मैंने उसमे यह लिखा था कि बहन और बेटियों की जाति और धर्म कब से होने लगी। यह मैंने फेसबुक पर मौजूद उन लोगों से कहा था जो बिन मांगे सलाह देते रहते हैं।’’
पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर उनसे फेसबुक पर काफी सवाल पूछे गये थे। उन्होंने पोस्ट में पूछा था, “क्या इसे ‘वर्ग’ से भी जोड़ा जाना चाहिए कि बेटी (मौर्य) पिछड़ी और बहू (बिष्ट) ऊंची जाति की है।”