विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी पश्चिमी यूपी में खूब जोर लगा रही है। इन दिनों पार्टी के कई दिग्गज नेता घर-घर प्रचार अभियान के तहत जाट वोटरों को लुभाने में लगे हैं। इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा शामिल रहे।
बता दें कि किसान आंदोलन के चलते पश्चिमी यूपी में जाट वोटरों में भाजपा के प्रति नाराजगी बताई जा रही है। ऐसे में भाजपा आलाकमान जाट वोटरों को मनाने में लगी हुई है। वहीं सपा और रालोद के बीच हुए गठबंधन को लेकर भाजपा के कई नेताओं ने कहा कि रालोद प्रमुख जयंत चौधरी गलत घर में चले गये हैं।
दरअसल भाजपा ने राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख जयंत चौधरी से भी संपर्क साधा था। रालोद पश्चिम यूपी में सबसे अहम पार्टी मानी जाती है। जहां जाट वोटरों की संख्या करीब 17 प्रतिशत हैं। इसमें 45 से 50 सीटों पर हार-जीत का फैसला जाट ही तय करते हैं। ऐसे में भाजपा ने पहले चरण के चुनाव से पहले संकेत दिये हैं कि रालोद के लिए बीजेपी के दरवाजे अभी भी खुले हैं।
फिलहाल इस सियासी जंग के बीच एबीपी सी-वोटर ने जयंत चौधरी और सपा के बीच हुए गठबंधन और उसपर भाजपा के बयान को लेकर लोगों की राय जानी गई। इस सर्वे में लोगों से सवाल किया गया, ‘भाजपा कहना कि जयंत चौधरी गलत घर में चले गए हैं, कितना सही है?’ इसके जवाब में 41 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी सही कह रही है।
वहीं 32 फीसदी लोगों का मानना है कि भाजपा जयंत चौधरी पर डोरे डाल रही है। इसके अलााव 27 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें पता नहीं है। इसके अलावा पश्चिमी यूपी में अमित शाह के दौरे को लेकर भी सवाल किया गया। जिसपर 49 फीसदी लोगों ने कहा कि हां, अमित शाह के दौरे से भाजपा को फायदा मिलेगा। 37 प्रतिशत लोगों ने इससे इनकार कर दिया है। वहीं 14 फीसदी लोगों को पता नहीं कि फायदा होगा या नहीं।
वहीं अमित शाह की जाट नेताओं की बैठक पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ये तोड़फोड़ की राजनीति नहीं चलेगी। टिकैत ने कहा कि अगर वो किसानों को बुलाते तो किसानों की बात करते। उन्होंने किसी जाति के लोगों को बुलाया है। इस बैठक की जानकारी हमें नहीं हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि लोग अब समझने लगे हैं, इस तरह की तोड़फोड़ की राजनीति नहीं चलेगी।