यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर जहां भारतीय जनता पार्टी अपने प्रत्याशियों की सूची फाइनल कर रही है तो वहीं पार्टी की ही प्रयागराज सांसद रीता बहुगुणा जोशी नाराज बताई जा रही हैं। दरअसल जोशी अपने बेटे मयंक जोशी को लखनऊ कैंट से भाजपा का टिकट दिलवाना चाहती है। इसके लिए वो सांसद पद से त्याग पत्र देने को तैयार हैं।
इस्तीफा देने के ऐलान की वजह: जोशी ने पार्टी के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि मेरा बेटा 12 साल से बीजेपी में काम कर रहा है। अगर उसने अपने काम को लेकर टिकट मांगा है, तो यह उसका अधिकार भी है। टिकट देने का अंतिम फैसला पार्टी का है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी का नियम है कि एक परिवार से एक को ही टिकट, तो मैं सांसद के तौर पर अपना इस्तीफा देने को तैयार हूं।
2024 से चुनावी राजनीति में सक्रिय नहीं रहूंगी: गौरतलब है कि रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि मेरा बेटा 2009 से पार्टी के लिए काम कर रहा है। जोशी ने कहा कि मैं वैसे भी ऐलान कर चुकी हूं कि 2024 में मैं चुनावी राजनीति में सक्रिय नहीं रहूंगी सिर्फ पार्टी के लिए काम करुंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी से किसी बात को लेकर नाराज नहीं हूं, बस पार्टी के सामने अपनी बात रखी है। टिकट देने या ना देने का फैसला पार्टी का होगा।
गौरतलब है कि रीता बहुगुणा जोशी भी लखनऊ कैंट से दो बार विधायक रह चुकी हैं और अब अपने बेटे के लिए इस सीट से टिकट मांग रही हैं। हालांकि बीजेपी में ऐसे कई सांसद हैं जो अपने बेटे-बेटियों को टिकट दिलवाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि चुनाव से पहले नेताओं द्वारा दल बदलने का सिलसिला जारी है। कुछ पहले ही योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने 14 जनवरी को कई भाजपा विधायकों के साथ सपा का दामन थाम लिया था। बता दें कि मौर्य के सपा में शामिल होने के बाद से अखिलेश यादव को उम्मीद है कि सूबे की कई सीटों पर उन्हें सियासी फायदा मिलेगा।