बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सड़कों पर विरोध करने से संविधान की रक्षा नहीं होगी। बसपा प्रमुख ने कहा, “जब सत्ता परिवर्तन हो जाएगा, तब संविधान बच जाएगा।” इस दौरान मायावती ने जमकर भाजपा सरकार और पूर्व की सपा सरकार पर हमला बोला।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में गुंडागर्दी और माफियागर्दी चरम पर था, जब सूबे में समाजवादी पार्टी सत्ता में थी। मायावती का यह बयान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा पूर्व अखिलेश यादव सरकार के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद आया है।
भाजपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा, ”जो सत्ता में बैठे हैं, वे बाबासाहेब के विरोधी लोग थे। हम सड़कों पर उतरकर क्या करेंगे? हमें सत्ता परिवर्तन करना होगा। केंद्र और राज्य में जो सरकारें हैं वो संविधान के हिसाब से नहीं चल रही हैं। उसका एक ही रास्ता है कि उनको सत्ता से बाहर करके बसपा को सत्ता में लाना, तभी संविधान के मुताबिक सही मायनों में काम किया जा सकता है।”
वहीं, चंदौली में सपा कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिसकर्मियों से बदसलूकी की घटना को लेकर मायावती ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”जिस तरीके से उनके विधायक (सपा) और कार्यकर्ता पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार कर रहे थे चंदौली में, वह किसी से छिपा नहीं है। अभी तो उनकी विजय मिली भी नहीं है तब ये हाल है।”
बसपा प्रमुख ने कहा, ”क्या जनता ये सब देख नहीं रही है? वो गठबंधन कर लें या कुछ भी कर लें, जनता जानती है कि सपा के शासन में राज्य में गुंडागर्दी और माफियागर्दी चरम पर थी। जबकि, बसपा के शासन में हर मामले में, हर हाल में कानून द्वारा कानून का राज चलता था।
बता दें कि, बसपा 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान सपा के साथ गठबंधन में थी, जबकि कांग्रेस ने 2017 के विधानसभा चुनावों में सपा के साथ हाथ मिलाया था। हालांकि, दोनों गठबंधनों को बीजेपी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।