उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों की तैयारियां जोरों पर है। नेताओं के अपने समीकरण और रणनीति के तहत प्रचार अभियान भी जारी है। इस चुनाव में विपक्ष सीएम योगी पर लगातार ठाकुरवाद का आरोप लगा रहा है। इन्हीं आरोपों को लेकर जब ओवैसी का सामना बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी से हुआ तो उन्होंने कहा कि योगी शपथपत्र में अपने पिता का नहीं गुरु का नाम लिखते हैं।
दरअसल एजेंडा आजतक 2021 के मंच पर एआईएमआईएम (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम योगी पर आरोप लगाते हुए कहा- “एमवाई समीकरण से तो सिर्फ वाई को फायदा हुआ…, साढ़े चार साल में मुख्यमंत्री ने तो सिर्फ ठाकुरवाद किया, इसीलिए बीजेपी परेशान है कि कैसे ठाकुरवाद के टैग को निकालें”।
ठाकुरवाद के इस आरोप पर भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने ओवैसी पर विभाजनकारी राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि, हमारे मुख्यमंत्री तो शपथपत्र में पिता का नहीं बल्कि अपने गुरु का नाम लिखते हैं। त्रिवेदी ने कहा- “हम किसी भी प्रकार को कोई भेदभाव नहीं करते हैं। इन्होंने हमारे मुख्यमंत्री जी के लिए कहा कि वो ठाकुर हैं, जिनको हिन्दू धर्म की परंपरा का पता हो, जो व्यक्ति संत हो जाता है। वो अपना पूरा परिवार, जात तो छोड़िए अपना परिवार छोड़ देता है। पिंड दान कर दिया जाता है”।
त्रिवेदी ने आगे कहा कि भारतीय परंपरा है कि ‘जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान, मोल करो तलवार का धरी रहन दो म्यान’। उन्होंने आगे कहा कि योगी ने भी अपना नाम बदल लिया और पिता की जगह अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ का नाम लिखते हैं। त्रिवेदी ने ओवैसी पर जातिवादी और धार्मिक राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि मुसलमानों में इतना जातिगत भेदभाव है उस पर बात करिए।
इस पर ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि जाति की राजनीति तो हमारे प्रधानमंत्री खुलेआम करते हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने केंद्र में इतने पिछड़ी जाति के मंत्री बना दिए, मगर उन मंत्रियों को अपने समाज में काम करने की कितनी आजादी है, इसका कोई आंकड़ा नहीं है। मुसलमानों का वोट भी सभी पार्टियां लेती रहीं हैं, उनके नेता बनते रहे हैं मगर उनका राजनीतिक और सामाजिक सशक्तिकरण कितना हुआ है। अगर मैं मुसलमानों को मुख्य धारा में लाने की कोशिश कर रहा हूं तो गलत क्या है।
इस दौरान ओवैसी ने लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में आरोपी के पिता और गृह राज्य मंत्री पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, किसानों के इतने विरोध के बाद भी भाजपा उनको क्यों नहीं हटा रही है। बात साफ है कि भाजपा को मंत्री के जाति का वोट चाहिए।