Telangana, AP MLC Results 2019: आम चुनाव से पहले TRS को झटका, एमएलसी चुनाव में हारी तीन सीटें
MLC Results 2019: तेलंगाना में तीन सीटों में से दो जगह टीआरएस का समर्थन प्राप्त प्रत्याशी तीसरे पायदान पर रहे।

Telangana, AP MLC Results 2019: आम चुनाव से ऐन पहले तेलंगाना विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव में के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को झटका लगा है। मगंलवार (26 मार्च, 2019) को आए नतीजों में टीआरएस का समर्थन प्राप्त तीन उम्मीदवार चुनाव हार गए। बता दें कि 22 मार्च को इन सीटों पर मतदान हुआ था, जहां तीन सीटों में से दो जगह टीआरएस का समर्थन प्राप्त प्रत्याशी तीसरे पायदान पर रहे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अलुगुबेल्ली नरसी रेड्डी वारंगल-खम्मम-नालगोंडा टीचर्स संसदीय क्षेत्र से जीते। उन्होंने एमएलसी पूला रविंदर को मात दी। रविंदर को टीआरएस का समर्थन हासिल था। ऐसे यह चंद्रशेखर राव के लिए लोकसभा चुनाव से पहले किसी तगड़े झटके से कम नहीं है।
उधर, रेड्डी को वाम दलों का समर्थन हासिल है, जो कि तेलंगाना स्टेट यूनाइटेड टीचर्स फेडरेशन (टीएस-यूटीएफ) से नाता रखते हैं। रेड्डी को कुल 18,027 वोटों में 9021 कोटा वोट मिले, जबकि रविंदर को सिर्फ 6292 कोटा वोट ही हासिल हुए।
इसी बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री टी.जीवन रेड्डी करीमनगर-अदीलाबाद-निजामाबाद-मेदक ग्रैजुएट्स क्षेत्र से चुन लिए गए। जीवन रेड्डी ने सबसे करीबी प्रतिद्वंदी और टीआरएस नेता चंद्रशेखर गौड़ को मात दी।
वहीं, कांग्रेस का समर्थन पाने वाले प्रोग्रेसिव रिक्गनाइज्ड टीचर्स यूनियन (पीआरटीयू) नेता के.राघोतम रेड्डी ने करीमनगर-अदीलाबाद-निजामाबाद-मेदक टीचर्स क्षेत्र से पूर्व एमएलसी पतुरी सुधाकर रेड्डी को हरा दिया।
AP MLC Results 2019
आंध्र प्रदेश विधान परिषद के श्रीकाकुलम-विजियानगरम-विशाखापत्तनम टीचर्स क्षेत्र से पकलपति रघु वर्मा चुनाव जीते। उन्हें 8372 कोटा वोट मिले, जबकि प्रतिद्वंदी गादे श्रीनिवासलू नायडू के खाते में महज 6044 मत ही आ पाए।
पंचायत राज टीचर्स यूनियन (पीआरटीयू) और हेड मास्टर्स एसोसिएशन ने नायडू को समर्थन दिया था। वहीं, वर्मा को एपी टीचर्स फेडरेशन, स्टेट टीचर्स यूनियन (एसटीयू) और यूनाइटेड टीचर्स फेडरेशन (यूटीएफ) और अन्य का समर्थन हासिल था।
‘द हिंदू’ की रिपोर्ट में विजयनगरम जिले में भोगापुरम के रहने वाले वर्मा के हवाले से कहा गया, “ऐसा विभिन्न संघों के साथ आने की वजह से संभव हुआ। मैं टीचर्स के अधिकारों के लिए खड़ा हूं। मैं कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम (सीपीएस) को खत्म करने के लिए लड़ाई जारी रखूंगा।”
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