रिलायंस पर निशाना साध रहे राहुल गांधी, कोर्ट में अनिल अंबानी की मदद कर रहे कपिल सिब्बल?
कांग्रेस अध्यक्ष लंबे समय से राफेल जेट डील विवाद को लेकर अंबानी पर निशाना साध चुके हैं। संसद का सदन हो या फिर सोशल मीडिया। चुनावी रैली हो या फिर जनसभा वह इसके बहाने पीएम पर भी जुबानी वार कर चुके हैं।

राफेल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सड़क और संसद से लेकर सोशल मीडिया तक रिलायंस पर निशाना साध रहे हैं, जबकि उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता और जाने-माने वकील कपिल सिब्बल कोर्ट में रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड (आर कॉम) के अध्यक्ष अनिल अंबानी की मदद कर रहे हैं। सिब्बल से जब इस बारे में मीडिया ने पूछा तो उनका जवाब आया, “हां, संसद में मैं उनके खिलाफ हूं। पर अपनी पेशेवर क्षमता के आधार पर मैं कोर्टरूम में उनका (अंबानी का) पक्ष रख रहा हूं।” वैसे, मंगलवार को मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी और उसे बुधवार तक के लिए टाल दिया गया।
दरअसल, मंगलवार (12 फरवरी, 2019) को अंबानी टेलीकॉम कंपनी एरिक्स की 550 करोड़ रुपए की बकाया राशि न चुकाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश हुए। कोर्ट में सिब्बल के साथ मुकुल रोहातगी ने उनका पक्ष रखा। सोशल मीडिया पर इसी को लेकर लोगों ने इसे कांग्रेस का दोगला रवैया बताया, जबकि कई लोग सिब्बल के इस कदम को पार्टी अध्यक्ष के खिलाफ देखते मिले।
बता दें कि कारोबारी को जनवरी में शोकॉज नोटिस मिला था, जिसमें उनसे पांच हफ्तों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया था। बकाया न चुकाने को लेकर अंबानी के खिलाफ अवमानना याचिका विशाल गर्ग (एरिक्सन इंडिया के आधिकारिक प्रतिनिधि) की ओर से की गई थी।
उनका तर्क था कि आरकॉम ने देश के सबसे बड़े कोर्ट के तीन अगस्त, 2018 और 23 अक्टूबर 2018 के आदेशों का उल्लंघन किया। कोर्ट ने इन आदेशों में अंबानी की कंपनी को 550 करोड़ रुपए का बकाया एरिक्सन को लौटाने के लिए कहा था।
Despite a warning from Congress Chief @RahulGandhi to all Congress lawyers against appearing for Anil Ambani's reliance, @KapilSibal has decided to assist him (Anil Ambani), citing his professional obligation @harishvnair1 with details #CongRafaleDuplicity pic.twitter.com/9ljHJl3A9h
— TIMES NOW (@TimesNow) February 12, 2019
अंबानी के अलावा इस अवमानना याचिका में दो और उत्तरदाताओं के नाम थे। इनमें रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड के अध्यक्ष सतीश सेठ और रिलायंस इंफ्राटेल लिमिटेड की अध्यक्ष छाया विरानी शामिल हैं।
अंबानी की कंपनी ने पिछले हफ्ते कहा था कि कर्ज भुगतान के लिए अपनी संपत्तियों को बेचने वह विफल रही। ऐसे में उसने दिवाला और ऋणशोधन कानून के तहत समाधान प्रक्रिया में जाने का निर्णय लिया है। आधिकारिक बयान के अनुसार, “रिलायंस कम्युनिकेशंस के निदेशक मंडल ने एनसीएलटी के माध्यम से ऋण समाधान योजना लागू करने का निर्णय किया है।”
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