जिस नेता ने नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस में शामिल कराया, अब उसी ने कहा- मुख्यमंत्री क्या उप मुख्यमंत्री का भी सपना न देखें
सिद्धू अमृतसर ईस्ट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। उनके समर्थन में कुछ पोस्टर चिपके हैं जिसमें लिखा है, 'सिद्धु को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस को वोट दें'।

पंजाब में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल और भाजपा गठबंधन को हराने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी मोर्चेबंदी कर रखी है। कांग्रेस ने रणनीति के तहत भाजपा के पूर्व सांसद और क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को अपने पाले में किया है। सिद्दू पूर्वी अमृतसर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। लेकिन उनके समर्थन में लगे लगे कुछ पोस्टरों ने उनकी ही पार्टी के भीतर खलबली पैदा कर दी है। दरअसल, इन पोस्टर्स में नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम पद के लिए जिताने की अपील की गई है। गुरुमुखी में लिखे इस पोस्टर में नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी दिख रहे हैं। पोस्टर में गुरुमुखी लिपि में लिखा है, ‘सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस को वोट दें’।

पूर्वी अमृतसर में जगह-जगह चिपके इन पोस्टर्स के जरिए जनता से अपील की जा रही है कि कांग्रेस को वोट दें ताकि सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाया जा सके। इन पोस्टरों ने अब कांग्रेस के अंदर ही विरोध के स्वर तेज कर दिये हैं। कहा जा रहा है कि सिद्धू को कांग्रेस में शामिल कराने में मुख्य भूमिका निभाने वाले कांग्रेसी नेता और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बाजवा ने यहां तक कह दिया है कि सिद्धू मुख्यमंत्री तो क्या उप-मुख्यमंत्री बनने का सपना भी ना देखें।
गौरतलब है कि बीजेपी छोड़कर हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर ईस्ट से नामांकन दाखिल किया है। नामांकन के बाद मीडिया से बात करते हुए सिद्धू ने कहा था कि वह पद नहीं चाहते। उन्होंने कहा, ‘अपने लिए इलेक्शन नहीं लड़ रहा हूं, पद नहीं चाहता। बस पंजाब बहाल होना चाहिए। यह निजी लड़ाई नहीं है, मैं पंजाब के युवाओं को सही रास्ते पर चाहता हूं। मेरे लिए जरूरी था कि सिस्टम में आकर लड़ाई लड़ूं। हर कांग्रेस वाले को, पंजाबी को यही कहूंगा कि इस बार वोट पंजाब को डालना, धर्म की स्थापना के लिए डालना। इस बार जीतना है पंजाब को, पंजाबियत को, हर पंजाबी को, जोड़ने वाले को मान मिलता है, तोड़ने वाले को अपमान।”