अमित भटनागर
आगामी लोकसभा चुनाव नजदीक है और चुनाव प्रचार जोरों पर है। साल 2014 में पीएम मोदी द्वारा आदर्श ग्राम योजना लागू की गई थी। बता दें कि मोदी सरकार ने बड़े ही जोर-शोर से इस योजना की शुरुआत की थी और गांवों के विकास पर ध्यान देने की बात कही थी। गाजियाबाद से सांसद जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने भी इस योजना के तहत गाजियाबाद के लोनी में स्थित गांव मीरपुर हिंदू को गोद लिया था। इस गांव में सड़कों की हालत तो पहले से बेहतर हुई है, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में अभी भी यह गांव काफी पीछे है। द इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार इस गांव में गए और वहां के लोगों से इस बारे में बात की।
गांव में रहने वाले एक 18 वर्षीय युवा अफसर अली का कहना है कि “इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि गांव में सड़कों और बिजली के हालात में सुधार आए हैं। लेकिन अभी भी यहां पर शिक्षा संस्थानों की कमी है, जिसके चलते गांव से बाहर जाना पड़ता है। गांव में एक डिग्री कॉलेज का वादा किया गया था, लेकिन हम अभी तक इसका इंतजार कर रहे हैं।” गांव के लोगों का कहना है कि हम अपने बच्चों को पढ़ने के लिए मंडोला या लोनी भेजते हैं। लड़कियों को भी अकेले ही जाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि वीके सिंह ने कई बार गांव का दौरा किया है और काफी काम भी किया है, लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुछ भी नहीं हुआ है।
गांव के लोगों को इलाज के लिए शहर जाना पड़ता है। हालांकि गांव में एक वैक्सीन केन्द्र को अस्पताल में बदलने की बात कही जा रही है। बता दें कि भाजपा ने एक बार फिर वीके सिंह को गाजियाबाद से उम्मीदवार बनाया है। वीके सिंह का सामना कांग्रेस की डॉली शर्मा और सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के सुरेश बंसल के साथ होगा।

