Loksabha Elections 2019: ‘डोमराजा’ से लेकर कृषि वैज्ञानिक, जानें काशी में कौन बने PM नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक
Loksabha Elections 2019: कुछ एक्सपर्ट्स का कहना था कि बीजेपी और पीएम मोदी इन चार नामों के आधार पर पूर्वांचल में चुनावी समीकरण बदलने की कोशिश में है।

Loksabha Elections 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार अपनी संसदीय सीट वाराणसी से चुनावी मैदान में हैं। शुक्रवार (26 अप्रैल, 2019) को उन्होंने इसके लिए नामांकन भरा। 2014 की तरह इस बार भी पीएम के साथ चार प्रस्तावक पर्चा भरने के दौरान उपस्थित रहे। 2019 में पीएम के प्रस्तावकों में काशी के डोम राजा से लेकर कृषि वैज्ञानिक तक शामिल हैं। जानिए इन्हीं के बारे में:
अन्नपूर्णा शुक्लाः नामांकन के दौरान पीएम ने इन्हीं के पैर छुए थे, जो कि भारत रत्न, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्थापक मनामहना मदन मोहन मालवीय परिवार से नाता रखती हैं। लगभग 91 साल की शुक्ला बीएचयू के महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य हैं। बताया जाता है कि पूर्वांचल में उन्होंने नारी सशक्तीकरण के मोर्चे पर धुंआधार काम किया। होमसाइंस में स्नातकोत्तर पढ़ाई देश में चालू कराने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।
जगदीश चौधरीः बनारस में इन्हें डोमराजा के रूप में जाना जाता है। वहां के प्रमुख श्मशान घाट- मणिकर्णिका पर चिताओं के अंतिम संस्कार के दौरान यही परिवार अग्नि देता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि डोम समुदाय के शख्स द्वारा चिता को आग देने पर ही मोक्ष मिल पाता है। खास बात है कि दलितों के बीच चौधरी काफी माने जाते हैं। राजनीतिक जानकारों का इस बाबत कहना है कि पीएम ने डोमराजा को प्रस्तावक चुनकर दलित वर्ग को साधने का प्रयास किया है।
सुभाष गुप्ताः मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेशे से कारोबारी हैं, पर यह साल 1957 से जुड़े कार्यकर्ता हैं। दरअसल, बीजेपी से पहले जनसंघ अस्तित्व में था। तब 1957 में गुप्ता उससे जुड़ गए थे, जबकि मौजूदा समय में में वह बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। पर इस बात पर जरा भी गुमान नहीं करते हैं और खुद को आम कार्यकर्ता मानते हैं। उन्होंने एक अखबार से कहा, “नरेंद्र मोदी सरीखा पीएम देश को मिलना दैवीय चमत्कार है।”
रमाशंकर पटेलः यह कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर हैं और किसानों को प्रगतिशील खेती को बढ़ावा देने को खूब काम कर चुके हैं। कृषि संबंधी शोध के लिए भी केंद्र सरकार से सम्मान पा चुके हैं और कमेरा समुदाय में अलग पैठ रखते हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्सः जानकारों की मानें तो पीएम के नामांकन के लिए बीजेपी ने नौ प्रस्तावकों का नाम आगे बढ़ाया था, जिनमें से इन चार के नाम पर मुहर मोदी के पर्चा भरने से कुछ ही पलों पहले हुई। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना था कि बीजेपी और पीएम मोदी इन चार नामों के आधार पर पूर्वांचल में चुनावी समीकरण बदलने की कोशिश में है। वह भी तब, जब उसके सामने मैदान में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) का गठबंधन है।