द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, बीजेपी के एक सीनियर नेता ने कहा कि पार्टी नेतृत्व गंभीर के संपर्क में है। गंभीर को नई दिल्ली सीट से उतारा जा सकता है। फिलहाल इस सीट से सुप्रीम कोर्ट की वकील मीनाक्षी लेखी सांसद हैं। नाम न सार्वजनिक किए जाने की शर्त पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘शीर्ष पार्टी नेताओं ने गंभीर से बातचीत की। जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा।’ बता दें कि गंभीर सोशल मीडिया के जरिए आम आदमी पार्टी की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। इसके बाद से ऐसी अटकलें लगने लगी थीं कि वह जल्द ही राजनीति में एंट्री मारेंगे। हालांकि, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि लेखी की संसद में परफॉर्मेंस के मद्देनजर बीजेपी के लिए फैसला लेना आसान नहीं होगा।
कुछ पूर्व निगम पार्षदों की मानें तो पार्टी कुछ सीटों पर एंटी एनकंबेंसी से निपटने के लिए उम्मीदवार बदल सकती है। उनका कहना है कि बीजेपी ने यह रणनीति 2017 के निगम चुनावों में अपनाई थी। उस वक्त पार्टी ने सभी वर्तमान पार्षदों को बदला था। यह रणनीति पार्टी के पक्ष में रही थी। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी चांदनी चौक इलाके से सांसद केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन को इस बार उत्तरी दिल्ली से उतार सकती है। वहीं, चांदनी चौक से विजय गोयल या रोहिणी से बीजेपी विधायक विजेंदर गुप्ता को मौका मिल सकता है। सूत्रों का यह भी कहना है कि ईस्ट दिल्ली के सांसद महेश गिरी को दिल्ली के बाहर मौका दिया जा सकता है।
बता दें कि हर्षवर्धन कृष्णानगर विधानसभा सीट पर 5 बार विजेता रहे हैं, जो ईस्ट दिल्ली संसदीय इलाके में आती है। वहीं, गोयल तीन बाद चांदनी चौक इलाके से संसद पहुंच चुके हैं। गुप्ता को 2009 के चुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा था।सूत्रों के मुताबिक, नॉर्थ ईस्ट और साउथ दिल्ली सीटों से उम्मीदवारों के तौर पर पूर्व विधायक मोहन सिंह बिष्ठ और रामवीर सिंह बिधूड़ी का नाम आगे चल रहा है। वहीं, दिल्ली बीजेपी के महासचिव कुलजीत चहल भी दौड़ में हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व ने दिल्ली की हर सीट के लिए 3 से 4 संभावितों का एक पैनल बनाया है।