Lok Sabha Election 2019: दिल्ली की सत्ता धारी आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन की संभावनाएं फिर बढ़ गई हैं। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक आप और कांग्रेस का गठबंधन दिल्ली और हरियाणा दोनों ही राज्यों में हो सकता है। इसकी वजह कांग्रेस पार्टी द्वारा कराए गए इंटरनल सर्वे के नतीजे हैं। सर्वे में दावा किया गया है कि अगर दोनों पार्टिया गठबंधन कर चुनाव लड़ती हैं तो दिल्ली में गठबंधन को क्लीन स्विप मिल सकता है। साथ ही हरियाणा में भी गठबंधन को फायदा हो सकता है। बता दें कि दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं जबकि हरियाणा में 10 सीटें हैं। हरियाणा में इस साल विधान सभा चुनाव भी होने वाले हैं।

एनडीटीवी के मुताबिक आप औप कांग्रेस के बीच गठबंधन को रुपरेखा देने के लिए कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल और महासचिव गुलाम नबी आजाद आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के संपर्क में हैं। गौर करने वाली बात है कि जहां दिल्ली की पूर्व सीएम और दिल्ली कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने आप से गठबंधन की संभावनाओं को खारिज कर दिया है, वहीं दिल्ली के प्रभारी महासचिव पीसी चाको ने एक दिन पहले ही कहा है कि दिल्ली प्रदेश से जुड़े पांच अध्यक्षों में से चार गठबंधन के पक्ष में हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस अपने बूते भाजपा का हरा पाने में सक्षम नहीं है।

सर्वे में कहा गया है कि भाजपा के पास दिल्ली में कुल 35 फीसदी वोट शेयर हैं, जबकि कांग्रेस के पास 22 फीसदी और आप के पास 28 फीसदी वोट शेयर हैं। गठबंधन होने की सूरत में यह वोट शेयर 50 फीसदी से ऊपर हो सकता है और ऐसे में सभी सात सीटों पर गठबंधन के प्रत्याशी चुनाव जीत सकते हैं। कांग्रेस ने शक्ति एप के जरिए दिल्ली के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से गठबंधन पर फीडबैक भी मंगवाया है। माना जा रहा है कि उसके आधार पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कार्य समिति की बैठक में आप से गठजोड़ पर फैसला कर सकते हैं। बता दें कि दिल्ली में कांग्रेस के 15 सालों का शासन 2013 के विधान सभा चुनावों में खत्म हो गया था और कांग्रेस की जगह आप ने सत्ता हासिल कर ली थी।