Loksabha election 2019: अयोध्या के ‘कर्णधारों’ की भाजपा से विदाई, साध्वी प्रज्ञा के जरिए हिंदुत्व के नए युग की शुरुआत
पार्टी ने मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर नए युग के हिंदुत्व छवि की नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार घोषित किया है।

Loksabha election 2019: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायर ब्रांड हिंदू छवि के नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और विनय कटियार 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे। इसे अयोध्या के ‘कर्णधारों’ की भाजपा से विदाई और हिंदुत्व के नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। पार्टी ने मध्यप्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर नए युग के हिंदुत्व छवि की नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार घोषित किया है। भाजपा ने अपने इस निर्णय से सभी को चौंका दिया। प्रज्ञा ठाकुर को 2008 में मालेगांव ब्लास्ट का आरोपी बनाया गया था। वह 9 वर्षों तक जेल में रहीं हैं। हालांकि एनआईए ने उन्हें सबूतों के अभाव में क्लीनचिट दे रखी है।
अब भोपाल सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। भाजपा अपने इस निर्णय से जनता के बीच यह संदेश देना चाहेगी की कैसे यूपीए के समय ‘हिंदू आतंकवाद’ को गढ़ा गया और साध्वी प्रज्ञा को इससे कलंकित करने की कोशिश की गई। प्रदेश भाजपा प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा है कि ‘हमें लगता है कि साध्वी ने इतने कठिन समय का सामना करते हुए अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधर साबित किया जो कि महिला की ताकत को दर्शाता है।’
वहीं आरएसएस प्रचारक और मध्यप्रदेश यूनिट के संगठन महामंत्री सुहास भगत का कहना है कि ‘इस निर्णय से कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के षड्यंत्र का पर्दाफाश होगा। भारत और भारतीय, हिंदू और हिंदूत्व, भगवा और उसकी पवित्रता को कलंकित करने वाले श्रीमान बंटाधार और रचे गए शब्दों को सही साबित करने के लिए किए गए षड्यंत्र की शिकार साध्वी प्रज्ञा जी के बीच भोपाल की राष्ट्रभक्त जनता निश्चित ही धर्म का चुनाव करेगी।’
उनके इस बयान से साफ है कि पार्टी भोपाल में खुद को हिंदु धर्म के रखवाले और विपक्षी उम्मीदवार को हिंदुत्व को कलंकित करने वाला कहकर जनता के बीच हिंदुत्व का संदेश देगी। बता दें कि बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महाराष्ट्र के वर्धा में ‘हिंदू आतंकवाद’ को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि देश के करोड़ों लोगों पर ‘हिंदू आतंकवाद’ का दाग लगाने का काम कांग्रेस ने ही किया। कांग्रेस ने ऐसा करके बहुत बड़ा पाप किया।
पार्टी सूत्रों के कहना है कि भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से लड़ाने का फैसला तभी कर लिया था जब कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया। इस सीट पर 1989 से लगातार भाजपा की जीत हुई है। जबकि 1967-1971 तक जनसंघ के जगन्नाथ राव जोशी यहां से सांसद रह चुके हैं। हालांकि बीते साल मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। जबकि राज्य में भाजपा और आरएसएस एक मजबूत संगठन है। ऐसे में भोपाल सीट से भाजपा साध्वी प्रज्ञा के जरिए हिंदुत्व का संदेश फैलाना चाहेगी।