110 सीटों पर चुनाव आयोग की खास नजर: वोटर्स को पैसे से प्रभावित करने का शक, निगरानी के लिए जाएंगे अफसर
Lok Sabha Election 2019: गुजरात की 28 विधानसभा सीटें और लोकसभा की 26 में 18 सीटें पर आयोग की नजर रहेगी। इसी तरह कर्नाटक की 28 सीटों में से 12 सीटों पर आयोग की नजर रहेगी।

Lok Sabha Election 2019: चुनाव आयोग ने देशभर में ऐसी 110 सीटों की पहचान की है जो खर्च के मामले में संवदेनशील हैं या धन बल के दम पर आगामी लोकसभा चुनाव में इन सीटें के प्रभावित होने की आशंका है। आयोग ने अपने नए डेटा में इस बात की जानकरी दी है। डेटा के मुताबिक खर्च के मामले में संवेदनशील सीटों की संख्या 150 से अधिक हो सकती है। भारत में निचले सदन यानी लोकसभा में सीटों की कुल संख्या 543 है।
बता दें कि सुरक्षा के लिहाज से और अन्य कारणों की वजह से चुनाव आयोग ने, चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक कई चरणों में कराने का फैसला लिया है। तमिलनाडु में सभी लोकसभा सीटों और आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, कर्नाटक और गुजरात में आधे से अधिक सीटों की “व्यय संवेदनशील” के रूप में पहचान की गई है। खास बात यह है कि चुनाव आयोग ने इनमें से प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में दो अफसरों को भेजने का फैसला किया है ताकि जमीनी स्तर पर ट्रैकिंग गतिविधि के लिए समर्पित स्पेशल टीमों बनाई जा सकें।
इसके लिए हाल ही में मल्टी डिपार्टमेंट इलेक्शन इंटेलिजेंस कमेटी (MDIC) का गठन किया गया। ये कमेटी इन लोकसभा क्षेत्रों में अवैध पैसे के इस्तेमाल पर नजर रखेंगी। MDIC की पहली मीटिंग 15 मार्च को हुई। आयोग को राज्य स्तर से मिले अपने पहले फीडबैक से पता चला है कि 112 सीटों पर राजनीतिक पार्टियां और उम्मीदवार मतदाताओं को लुभाने के लिए उन्हें पैसों का लालच दे सकते हैं। फीडबैक से यह भी पता चला है कि मतदाताओं को ड्रग्स, शराब और घरेलू सामना फ्री में देने का भी लालच दिया जा सकता है। चुनाव आयोग का यह आकलन राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के मुख्य चुनाव अधिकारियों से मिली जानकारी पर आधारित है।
तमिलनाडु के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राज्य की सभी 39 सीटों के लिए खर्च वर्यवेक्षक मांगे हैं। बात दें कि चुनाव आयोग ने साल 2017 में आरके नगर विधानसभा सीट पर चुनाव रद्द कर दिया था। इसके अलावा साल 2016 में राज्य की दो विधानसभा सीटों के चुनाव की तारीफ भी आगे खिसका दी गई। चूंकि तब अधिकारी ने बड़ी मात्रा में नगदी जब्त की थी। इसके अलावा चुनाव में पैसे के खेल के लिए कुख्यात आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों में से 116 और 25 लोकसभा सीटों में 16 सीटों पर आयोग खासी निगरानी रखेगा। इसी राज्य से अलग होकर बने तेलंगाना की 17 सीटों चुनाव में खर्च के लिहाज से खूब संवेदनशील मानी गई हैं।
दूसरी तरफ गुजरात की 28 विधानसभा सीटें और लोकसभा की 26 में 18 सीटें पर आयोग की नजर रहेगी। इसी तरह कर्नाटक की 28 सीटों में से 12 सीटों पर आयोग की नजर रहेगी। खर्च के लिहाज से उत्तराखंड की पांच में चार और जम्मू-कश्मीर की छह में से दो सीटें संवेदनशील मानी गई हैं। हरियाणा, छत्तीसगढ़ गोवा की एक-एक सीटों पर आयोग की नजर रहेगी। राजस्थान और पंजाब की पांच-पांच सीटों पर आयोग नजर रखेगा।